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बच्चों ने पढ़ाई के लिए लगायी गुहार
पिता का निधन, मां कमाने बनारस गयी बच्चों ने सीडब्ल्यूसी को सौंपा आवेदन गुमला : पिता का पांच साल पहले निधन हो गया. गरीबी के कारण मां मजदूरी करने बनारस ईंट भट्ठा चली गयी. यह कहानी है गुमला प्रखंड के बेलागाड़ा गांव के तीन बच्चों की. ये बच्चे पूजा कुमारी( 14 साल), सुखदेव उरांव(10 साल)व […]
पिता का निधन, मां कमाने बनारस गयी
बच्चों ने सीडब्ल्यूसी को सौंपा आवेदन
गुमला : पिता का पांच साल पहले निधन हो गया. गरीबी के कारण मां मजदूरी करने बनारस ईंट भट्ठा चली गयी. यह कहानी है गुमला प्रखंड के बेलागाड़ा गांव के तीन बच्चों की. ये बच्चे पूजा कुमारी( 14 साल), सुखदेव उरांव(10 साल)व सुखनाथ उरांव(आठ साल) है.
माता-पिता के नहीं रहने से मुश्किल से बच्चे जी रहे हैं. हालांकि इन बच्चों की परवरिश अभी उनके मामा कांशीनाथ उरांव कर रहे हैं. लेकिन कांशीनाथ के भी तीन बच्चे हैं. वह खुद राज मिस्त्री का काम कर बच्चों की परवरिश कर रहा है. उसके घर की स्थिति ठीक नहीं है. इधर पूजा, सुखदेव व सुखनाथ पढ़ना चाहते हैं. लेकिन गरीबी पढ़ाई के आड़े आ रही है.
तीनों बच्चों ने सीडब्ल्यूसी को आवेदन सौंप कर पढ़ाई की गुहार लगायी है. बच्चों ने कहा है कि हम पढ़ाई कर अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं. लेकिन पढ़ाई करने के लिए पैसे नहीं है. पूजा ने कस्तूरबा स्कूल व सुखदेव व सुखनाथ ने किसी आवासीय स्कूल में दाखिला कराने की गुहार लगायी है. मामा कांशीनाथ ने कहा कि गरीबी के कारण ही बच्चों की मां रजनी देवी बनारस चली गयी. वह कभी-कभी आती है.
मां चाहती है बेटी पढ़े
गुमला : घाघरा प्रखंड के बेलागाड़ा गांव की बासी देवी चाहती है कि उसकी बेटी 12 वर्षीय कलमपति कुमारी पढ़े. लेकिन गरीबी पढ़ाई में आड़े आ रही है. उसके तीन बच्चे हैं. वह पढ़ाने में असमर्थ है. पति गुड्डू उरांव का निधन हो गया है. गरीबी के कारण वह बच्चों की परवरिश नहीं कर पा रही है. इसलिए बासी ने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए सीडब्ल्यूसी से गुहार लगायी है.
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