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गरीबी के कारण बेटी को उत्तरप्रदेश में छोड़ा

गुमला : गरीबी के कारण गुमला की गीता कुमारी(बदला नाम) को उसके माता-पिता ने उत्तर प्रदेश में छोड़ दिया. अभी वह सैतपुर आश्रय गृह (सेल्टर होम) में रह रही है. लेकिन 20 जनवरी के बाद गीता को सेल्टर होम से निकाल दिया जायेगा. क्योंकि 20 जनवरी को गीता की उम्र 18 साल हो जायेगी. नियम […]

गुमला : गरीबी के कारण गुमला की गीता कुमारी(बदला नाम) को उसके माता-पिता ने उत्तर प्रदेश में छोड़ दिया. अभी वह सैतपुर आश्रय गृह (सेल्टर होम) में रह रही है. लेकिन 20 जनवरी के बाद गीता को सेल्टर होम से निकाल दिया जायेगा. क्योंकि 20 जनवरी को गीता की उम्र 18 साल हो जायेगी. नियम के अनुसार सेल्टर होम में 18 साल से कम उम्र की ही लड़की को रखा जा सकता है. सेल्टर होम के लोग गीता को लेकर परेशान हैं. वे चाहते हैं कि गीता अपने घर जाये. लेकिन माता-पिता नहीं चाहते कि गीता वापस गुमला आये.
संचालक रामप्रवेश िमश्र ने सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया
सेल्टर होम के संचालक रामप्रवेश मिश्र ने सीडब्ल्यूसी गुमला के सदस्य अलख नारायण सिंह से फोन पर बात की. श्री मिश्र ने गीता के संबंध में पूरी जानकारी दी. गीता के माता-पिता को खोजने के लिए भी कहा. जिससे 20 जनवरी से पहले गीता को उसके परिजनों को सौंपा जा सके.
भट्ठा से मुक्त हुई, फिर भी यूपी में है
सेल्टर के संचालक रामप्रवेश मिश्र ने बताया कि डेढ़ साल पहले गीता के पिता शनिचरवा उर्फ शनि उरांव अपनी पत्नी व बेटी के साथ बनारस आये थे. यहां वे ईंट भट्ठा में काम करते थे. भट्ठा मालिक के घर पर गीता को काम करने के लिए छोड़ दिया. इसके बाद वे लोग कहीं चले गये. कुछ दिन के बाद सीडब्ल्यूसी के माध्यम से गीता को मुक्त करा कर सेल्टर होम में लाया गया. 20 जनवरी 2015 से गीता सेल्टर होम में है. श्री मिश्र ने यह भी बताया कि गीता से पूछताछ करने पर पता चला कि गरीबी के कारण उसके माता-पिता उसे छोड़ कर भाग गये.
गीता कुमारी का घर घाघरा प्रखंड के हालमाटी गांव है. उसके परिजनों का पता किया जा रहा है. जिससे गीता को यूपी से गुमला लाया जा सके. परिजनों के नहीं मिलने पर सीडब्ल्यूसी की टीम अपने स्तर से गीता को यूपी से गुमला लाने का प्रयास करेगी.
अलख नारायण सिंह, सदस्य, सीडब्ल्यूसी

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