गुमला : मनरेगा के तहत योजना बनाओ अभियान का सोमवार को नगर भवन में एक दिनी कार्यशाला हुआ. प्रोजेक्टर के माध्यम से उपस्थित शिक्षाविद्, व्यवसायी, छात्र, नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को योजना बनाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. मुख्य अतिथि स्पीकर दिनेश उरांव ने कार्यशाला का उदघाटन करते हुए कहा कि सरकार की योजना कागज पर बनती है. लेकिन हमें हमारे गांव घर के विकास के लिए स्वयं योजनाएं बनानी है.
उन योजनाओं को धरातल पर उतारना है. कहा कि गुमला जिला में उद्योग-धंधे नहीं हैं. कल-कारखाना नहीं है. ज्यादा लोग नौकरी पेशावाले भी नहीं है. यहां के अधिकतर लोग कृषि पर निर्भर हैं. यदि कृषि को ध्यान में रख कर मनरेगा से योजनाओं का चयन करेंगे तो लाभ होगा. वर्तमान समय में शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आबादी ज्यादा है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास भी जरूरी है. गांव के विकास से ही राज्य एवं देश का विकास होगा. इस दौरान स्पीकर ने यह भी कहा कि विकास योजनाओं के लिए राशि आते ही उसकी बंदरबांट की रणनीति शुरू हो जाती है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सरकारी राशि का दुरुपयोग अथवा बंदरबांट बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
गांव के लोग खुद योजना चुनेंगे : विधायक
विधायक शिवशंकर उरांव ने नये साल की सभी को शुभकामना दी. कहा कि योजना बनाओ अभियान के तहत योजना हमारी होगी. विकास हमारा होगा. पूर्व में सरकार के स्तर से प्रशासन द्वारा योजनाओं का चयन किया जाता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. गांव के लोग स्वयं मिलजुल कर योजनाओं का चयन करेंगे और उक्त चयनित योजनाओं पर प्रशासन प्राथमिकता के आधार पर काम करेगा. जब योजना धरातल पर उतरेगी तो चहूंओर विकास दिखेगा. किसी भी स्थान के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत है. इन जरूरतों को प्राप्त करने के लिए हमें योजना बनाना है.
बंद पड़ी योजना को शुरू करेंगे : डीडीसी
डीडीसी चंद्रकिशोर उरांव ने कहा कि योजना बनाओ अभियान में इन योजनाओं को भी शामिल करना है. जो पूर्व में छोटी-मोटी कारणों से बंद पड़ा हुआ है. बंद पड़े योजना को पुन: शुरू कर पूर्ण करेंगे. योजना बनाने का काम फरवरी माह के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण कर लेना है. ताकि चयनित योजनाओं पर प्राथमिकता के आधार पर काम किया जा सके.
गांव का विकास करना जरूरी है : डीसी
डीसी श्रवण साय ने कहा कि योजना बनाओ अभियान को सफल बनाने और योजना बनने के बाद उसके सफल क्रियान्वयन के लिए इस योजना को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 10 लाख 25 हजार 656 है. जिसमें से सात लाख 92 हजार की आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास जरूरी है.
लेकिन यहां पानी की कमी के कारण खेतीबारी प्रभावित होता है. इसके लिए यदि बरसात के पानी को संचय किया जाये, तो खेतों में पानी पटवन की समस्या खत्म हो सकती है. इसलिए खेतों में जलजमाव के लिए तालाबनुमा गड्ढा बनायें. योजना बनाओ अभियान के तहत तालाब, कुआं, डोभा, चेकडैम जैसी योजनाओं को प्राथमिकता के साथ शामिल करें. 14वें वित्त आयोग की राशि से प्रत्येक पंचायत को 17 से 36 लाख रुपये तक दिया जायेगा. ताकि गांव-घर का विकास हो सके
कई अधिकारी गायब स्पीकर हुए नाराज
स्पीकर ने कार्यशाला में विभागीय पदाधिकारियों की कम उपस्थिति पर नाराजगी प्रकट की. कहा कि कार्यशाला में 26 विभागों के पदाधिकारी को उपस्थित रहना चाहिए. लेकिन काफी कम ही विभाग के पदाधिकारी हैं. उन्होंने डीसी से अनुपस्थित रहनेवाले पदाधिकारियों को चिह्नित करने की बात कही.
कार्यशाला में मौजूद अधिकारी व प्रतिनिधि
मौके पर एसपी भीमसेन टुटी, डीपीओ अरुण कुमार सिंह, एपीओ रजनी कांत, भरनो जिला परिषद सदस्य पूजा कुमारी, गुमला पूर्वी क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य सुबोध लाल, मध्य क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य कृष्णदेव सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे.