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जनवरी से शुरू होगा जोलो नदी पर पुल निर्माण का कार्य

टेंडर हो गया है, जगधातृ कंपनी काम करायेगी जहां पुल ध्वस्त हुआ था, उसके बगल से बनेगा नया पुल गुमला : गुमला प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए खुशखबरी है. जोलो नदी में लंबे समय से पुल निर्माण की मांग अब पूरी होनेवाली है. नये वर्ष 2016 में जनवरी माह से गुमला के […]

टेंडर हो गया है, जगधातृ कंपनी काम करायेगी
जहां पुल ध्वस्त हुआ था, उसके बगल से बनेगा नया पुल
गुमला : गुमला प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए खुशखबरी है. जोलो नदी में लंबे समय से पुल निर्माण की मांग अब पूरी होनेवाली है. नये वर्ष 2016 में जनवरी माह से गुमला के मुरकुंडा गांव से होकर बसिया प्रखंड जानेवाली दक्षिणी कोयल नदी (जोलो नदी) में हाई-लेबल पुल बनेगा.
इसका टेंडर जगधातृ कंस्ट्रक्शन मिला है. कार्यकारी एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग विशेष प्रमंडल है. विभाग के अनुसार पुल निर्माण की सारी प्रक्रिया पूरी हो गयी है. हर हाल में जनवरी माह में पुल पर काम शुरू हो जायेगा. यहां बता दें कि जोलो नदी में वर्ष 2010 में तीन करोड़ रुपये की लागत से नया पुल बना था. लेकिन वर्ष 2011 में पहली ही बरसात में पुल ताश की पत्ताें की तरह ध्वस्त हो गया था. उस समय पुल निर्माण करानेवाली एजेंसी को काली सूची में डालते हुए केस किया गया था. वहीं कई इंजीनियर पर भी प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसके बाद जिला प्रशासन ने जनता की मांग पर नये सिरे से पुल निर्माण कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा था. इसके बाद पुन: नये सिरे से पुल निर्माण करायी जा रही है. विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रवि सहाय ने कहा कि पुल का काम जनवरी माह से शुरू होगा. विभाग का प्रयास रहेगा कि जितना जल्दी पुल बन जाये और जिससे आवागमन शुरू हो सके.
हीरादह नदी में पुल निर्माण शुरू : रायडीह प्रखंड के प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल हीरादह में हाई-लेबल पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. 20 दिन पहले भाकपा माओवादी के उग्रवादियों ने पुल का काम बंद करा दिया था. लेकिन स्थानीय लोगों की पहल पर पुन: काम शुरू किया गया है. पुल बनने से इस क्षेत्र के कई गांवों में आने-जाने के लिए आवागमन के लिए रास्ता बन जायेगा. अभी पुल के आभाव में कई क्षेत्र विकास से कोसों दूर है. यहां तक कि हीरादह का भी विकास नहीं हो सका है. जबकि यह झारखंड राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. हीरादह से हीरा निकलने के कारण यह क्षेत्र प्रसिद्ध है.
जोलो पुल बनने से फायदे
जोलो नदी में पुल बनने से गुमला प्रखंड के मुरकुंडा, रेकमा, कलिगा, कुटासी, केसीपारा, अंबवा, कोटेंगसेरा, तिर्रा, पतिया, कसीरा आदि दो दर्जन गांव की दूरी बसिया प्रखंड से कम हो जायेगी़
इन गांवों के ग्रामीण आसानी से बसिया, कामडारा, तोरपा, खूंटी, रांची व सिसई प्रखंड जा सकते हैं. लगभग 40 किमी की दूरी कम होगी. अभी लोग गुमला से होकर सफर करते हैं. पुल बनने से सबसे ज्यादा फायदा गुमला पुलिस को होगी. चूंकि पूर्वी क्षेत्र उग्रवादियों व अपराधियों का अड्डा है. क्राइम करने के बाद क्रिमिनल इसी क्षेत्र में छिपते हैं.

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