मुसलिम दंपती ने बच्ची को अपनाया
बसिया(गुमला) : बसिया प्रखंड के किंदिरकेला महुआटोली में 13 साल की लड़की के कोख से जन्मी बच्ची को लड़की के परिजनों ने लोक-लाज के डर से झाड़ी में फेंक दिया. वहीं झाड़ी में रोती नवजात पर नजर पड़ी, तो गांव के एक मुसलिम दंपती उसे उठा लिया और अपने घर ले आये. बच्ची स्वस्थ और सुरक्षित है.
इधर, घटना की जानकारी मिलने से गुस्साये स्थानीय लोगों ने नवजात बच्ची को झाड़ी में फेंकने वाले परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है. अबोध बच्ची को झाड़ी में फेंकने की जानकारी पुलिस कोनहीं है.
सुबह में जन्मी, शाम को फेंका : मां बननेवाली बच्ची खुद भी आठवीं कक्षा में पढ़ती है. शनिवार की सुबह बच्ची का जन्म हुआ, तो परिजनों ने इसे पूरी तरह गुप्त रखा और शनिवार की शाम गांव के समीप की झाड़ी में अबोध जीवित नवजात को फेंक कर चले गये, लेकिन यहां से गुजर रहे नईमुद्दीन की पत्नी ने नवजात की रोने की आवाज सुन ली और वह बच्ची को उठा अपने घर ले गयी.
बहिष्कार किया : लड़की के परिजनों को नवजात को ले जाकर फेंकते हुए गांव के कुछ लोगों ने देख लिया था. रविवार को गांव में बैठक हुई. इसके बाद उक्त परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर
दिया गया है. लोगों ने कहा कि इस प्रकार एक अबोध बच्ची की जान लेने की कोशिश करनेवाले परिवार से गांव के लोग कोई सरोकार नहीं रखना चाहते.