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:5:::: सिमडेगा से पाकरटांड़ जाने में छूट जाते हैं पसीने

:5:::: सिमडेगा से पाकरटांड़ जाने में छूट जाते हैं पसीने सात माह से कटा है तामड़ा-सिकरियाटांड़ पथ , सुंदरपुर से पाकरटांड़ सड़क की स्थिति जर्जरफोटोफाइल:8एसआइएम:5-जर्जर सड़क,6-कटी सड़क प्रतिनिधि, सिमडेगा यदि किसी को पाकरटांड़ जाना हो तो सोच कर ही पसीने छूट जाते हैं. वहीं पाकरटांड़ से सिमडेगा आनेवाले लोग प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों को कोसते […]

:5:::: सिमडेगा से पाकरटांड़ जाने में छूट जाते हैं पसीने सात माह से कटा है तामड़ा-सिकरियाटांड़ पथ , सुंदरपुर से पाकरटांड़ सड़क की स्थिति जर्जरफोटोफाइल:8एसआइएम:5-जर्जर सड़क,6-कटी सड़क प्रतिनिधि, सिमडेगा यदि किसी को पाकरटांड़ जाना हो तो सोच कर ही पसीने छूट जाते हैं. वहीं पाकरटांड़ से सिमडेगा आनेवाले लोग प्रशासन एवं जन प्रतिनिधियों को कोसते हुए सिमडेगा पहुंचते हैं. सिमडेगा से सुंदरपुर होते हुए पाकरटांड़ जानेवाली सड़क की स्थिति इतनी जर्जर हो गयी है कि वाहन के अलावा साइकिल चालकों के लिए उक्त पथ परेशानी का सबब बन गया है. सुंदरपुर आनंद नगर से मधुबन डैम तक लगभग सात किलोमीटर पथ पर सड़क पूरी तरह गायब हो चुका है. सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे एवं बड़े-बड़े बोल्डर निकल गये हैं. परिणाम स्वरूप लोगों का आना-जाना मुश्किल हो गया है. प्रत्येक दिन उक्त सड़क से लगभग 200 छोटे-बड़े वाहनों का आना-जाना है. साथ ही उक्त पथ से प्रखंड कार्यालय में कार्यरत पदाधिकारी व कर्मचारी भी आते-जाते हैं. किंतु पथ निर्माण के दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गयी. पाकरटांड़ जाने के लिए एक अन्य सड़क भी है जो खुंटीटोली, टभाडीह, चिकसुरा होते हुए पाकरटांड़ तक जाती है. किंतु उक्त पथ पर चिकिसुरा गांव के निकट स्थित पुलिया के बह जाने से सड़क पूरी तरह कट गयी है. यह स्थिति पिछले लगभग सात माह से बनी हुई. बारिश के मौसम में अत्याधिक बारिश होने के कारण बह गयी थी. किंतु आज तक पुलिया का निर्माण नहीं किया गया. पुलिया के बह जाने से तामड़ा, खुंटीटोली, बीरू आदि गांव के लोगों को पाकरटांड़ जाने के लिए सिमडेगा आकर सुंदरपुर हो कर पाकरटांड़ जाना पड़ता है. इसमें उन्हें कम से कम 15 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है. ध्यान नहीं दे रहे जनप्रतिनिधि व प्रशासन: ग्रामीणसिकरियाटांड़ निवासी दिलीप प्रसाद, श्याम बड़ाइक, जेवियर केरकेट्टा, अमर सोरेंग, अनुप एक्का, नीलम कुल्लू सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के जर्जर हो जाने एवं पुलिया के बह जाने से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सिमडेगा आने-जाने के लिये काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पुलिया निर्माण के लिए कई बार प्रशासनिक पदाधिकारियों व जन प्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया. किंतु नतीजा सिफर निकला. ग्रामीणों का कहना है कि हमें उपेक्षित किया जा रहा है. हमारी समस्याओं की ओर किसी का ध्यान नहीं है.

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