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एल…जतरा झारखंडी संस्कृति की पहचान : सुखदेव भगत

एल…जतरा झारखंडी संस्कृति की पहचान : सुखदेव भगत फोटो- एलडीजीए- 5 जतरा में पाहन को कंधे पर उठाकर ले जाते लोग, एलडीजीए-6 जतरा में मांदर बजाते सुखदेव भगत. लोहरदगा. कुडू प्रखंड के सुकुरहुटू जतरा मैदान में जतरा का आयोजन किया गया. इस जतरा में सिंजो, उमरी, सुकुरहुटु, ऐड़ादोन, कैरो के खोड़हा शामिल हुए. मौके पर […]

एल…जतरा झारखंडी संस्कृति की पहचान : सुखदेव भगत फोटो- एलडीजीए- 5 जतरा में पाहन को कंधे पर उठाकर ले जाते लोग, एलडीजीए-6 जतरा में मांदर बजाते सुखदेव भगत. लोहरदगा. कुडू प्रखंड के सुकुरहुटू जतरा मैदान में जतरा का आयोजन किया गया. इस जतरा में सिंजो, उमरी, सुकुरहुटु, ऐड़ादोन, कैरो के खोड़हा शामिल हुए. मौके पर मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखदेव भगत मौजूद थे. जतरा स्थल पर श्री भगत का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया गया. मौके पर श्री भगत ने कहा कि जतरा आदिवासी एवं झारखंडी संस्कृति की पहचान है. हमारे पूर्वजों द्वारा जतरा लगाने का उद्देश्य सिर्फ नृत्य संगीत नहीं था, बल्कि जतरा के माध्यम से रिश्तों का आदान प्रदान होता था. इसे एक उत्सव के रुप में मनाते हैं, इसके कारण घरों में रिश्तेदारों का आवागमन होता है. इसमें सभी वर्गो की भागीदारी होती है. इसके कारण समाज में आपसी भाईचारगी बढ़ती है. साथ आदिवासी समाज की परंपरा मजबूत होती है. श्री भगत ने कहा कि आदिवासी समाज के बोल में गीत है और चलने में नृत्य है. हमें अपनी परंपरा, सभ्यता को और मजबूत करने के लिए जतरा को और वृहत पैमाने पर करने की आवश्कता है. जतरा के मौके पर श्री भगत पहान को कंधे में बैठा कर जतरा स्थल तक लाये. साथ ही खोड़हों के साथ सामूहिक नृत्य एवं मांदर के साथ थिरके. मौके पर शनिदेव भगत, आलोक साहू, सामू उरांव, अशोक भगत, मंगरा उरांव, सोमरा उरांव, विशुनदेव भगत, श्याम उरांव, संत सिंह, जयप्रकाश सिंह, फुलदेव उरांव, रवि रौशन बेक, संजय दिलीप उरांव, सतीश उरांव, विकास उरांव, प्रदीप सिंह, दिलीप उरांव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.

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