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पांच बच्चे मुक्त हुए हैं, चल रहा है अभियान : डीआइजी
रांची/गुमला : भाकपा माओवादी के कब्जे से बच्चों को मुक्त कराने के लिए गुमला और लोहरदगा जिले में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान शुरू हो गया है. रांची रेंज के डीआइजी अरुण कुमार सिंह ने गुमला में पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने पांच बच्चों को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराया है. बच्चों […]
रांची/गुमला : भाकपा माओवादी के कब्जे से बच्चों को मुक्त कराने के लिए गुमला और लोहरदगा जिले में नक्सलियों के खिलाफ पुलिस का अभियान शुरू हो गया है. रांची रेंज के डीआइजी अरुण कुमार सिंह ने गुमला में पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने पांच बच्चों को नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराया है.
बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के संरक्षण में रखा गया है. अन्य बच्चों को भी जल्द ही मुक्त करा लिया जायेगा. अभियान इलाके में लगातार चलता रहेगा. उन्होंने कहा है कि नक्सली बच्चों को ले गये हैं, लेकिन 35 बच्चों को ले जाने का जो आंकड़ा है, वह सही नहीं है. जिन बच्चों को ले जाया गया है, पुलिस उन्हें मुक्त कराने में लगी हुई है. बहुत जल्द बच्चों को मुक्त करा लिया जायेगा.
बुलबुल जंगल में जमे हैं नक्सली: सूत्रों के अनुसार 15 दिन पहले लोहरदगा व गुमला के बॉर्डर में स्थित बुलबुल जंगल में भाकपा माओवादी के कमांडर नकुल यादव के दस्ते के होने की सूचना पुलिस को मिली थी. सूचना यह भी मिल रही है कि नकुल के साथ माओवादी के कुछ शीर्ष नेता भी हैं. जिन इलाकों में माओवादी ठहरे हुए हैं, पुलिस उन इलाकों तक पहुंचने में लगी हुई है. लेकिन, दुर्गम पहाड़ी इलाका व घने जंगल होने के कारण पुलिस को अभियान में परेशानी हो रही है. ऊपर से तेज गरमी से भी जवान परेशान हैं.
सीएस आज गुमला में
मुख्य सचिव राजीव गौबा 30 मई को गुमला के बिशुनपुर प्रखंड जायेंगे. वहां वह बनारी में बानालात एक्शन प्लान को लेकर बैठक करेंगे. उनके साथ राज्य सरकार के अन्य सीनियर अधिकारी भी होंगे. बैठक बनारी पुलिस पिकेट में प्रात: 8.30 बजे से होगी.
जानकारी के अनुसार कार्यक्रम को लेकर पुलिस व सीआरपीएफ द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान भी चलाया गया. पुलिस अभी भी इलाके में जमी हुई है और अभियान चला रही है. प्रशासन ने बनालात एक्शन प्लान के तहत जिन 31 गांवों को चुना है, ये सभी गांव नक्सलियों का गढ़ है. इन्हीं गांवों से नक्सली बच्चों को ले गये हैं. इन गांवों का विकास भी नहीं हो सका है, इसलिए प्रशासन इन गांवों के विकास में लगा हुआ है. इसी के तहत मुख्य सचिव बिशुनपुर आ रहे हैं.
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