रायडीह : सरना समिति गुमला की बैठक शुक्रवार को रायडीह प्रखंड के शाहीटोली ग्राम में हुई. बैठक में आगामी जून माह में दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित सरना महारैली पर चर्चा की गयी. मौके पर संयोजक अशोक भगत ने कहा कि आदिवासियों की धर्म, पहचान व संस्कृति को पुन: पुनजीर्वित करने और सरना धर्म कोड लागू कराने के उद्देश्य से रामलीला मैदान में आयोजित सरना महारैली हम आदिवासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि जिस समाज का इतिहास मिट जाता है. वह समाज धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है. आदिवासियों का प्राचीनतम व पौराणिक धर्म सरना आज उसी कगार पर है. आदिवासी समाज संक्रमण काल से गुजर रहा है. हमारा समाज अंत की ओर जा रहा है. इसी पहचान व अतिस्तत्व पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा रहा है.
एक षडयंत्र के तहत इसे मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन हम ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे. बैठक में संरक्षक मनोज कुमार भगत, धर्म प्रचारक सोमननाथ लकडा, संजय उरांव, मंगलेश्वर उरंाव, मुकुंद उरांव, दुर्गा उरांव सहित सैकड़ों की संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे.