23 वर्ष से अधूरा पड़ा है
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड से 20 किमी दूर अधूरा जोरी पुल पुलिस सुरक्षा में बनेगा. इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. जिला प्रशासन ने बनालात एक्शन प्लान के तहत एक माह में निर्माण कार्य शुरू करने का फैसला लिया है. वर्ष 1992 में आठ पिलर खड़े किये गये थे.
माओवादियों ने काम बंद करा दिया था. पिछले 23 वर्ष में कई बार पुल बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन नक्सलियों के डर से ठेकेदार काम करने को तैयार नहीं हुए. पुल बनने से 31 गांव की 20 हजार आबादी को आवागमन की सुविधा मिलेगी. लातेहार जिला की भी दूरी कम होगी.
पुलिस कैंप बनेगा : अधिकारियों की मानें तो यहां लोहे का पुल बनेगा, ताकि नक्सली उड़ा नहीं सकें. निर्माण स्थल के पास पुलिस कैंप बनेगा. जोरी नदी पर पुल नहीं रहने से 20 से अधिक गांव बरसात में टापू बन जाते हैं. इनमें निरासी, बनालात, बोरांग, गोबरसेला, कुंवारी, कटिया, जमटी, घाघरा, जोरी, बड़कादोहर, रेहलदाह, दरदाग, लापू, हापाद, बैठत, लाबाग, करचा गांव शामिल हैं. जोरी में पुल बनने से इलाके में पुलिस आयेगी, यह सोच कर नक्सलियों ने काम बंद करा दिया था. यही कारण है कि अभी भी बिशुनपुर के अधिकांश इलाका नक्सलियों के लिए सेफ जोन है.
एनओसी के कारण 2011 से मामला लटका : पुलिस विभाग के अनुसार, वन विभाग द्वारा एनओसी नहीं मिलने के कारण भी पुल का काम रुका. जोरी व हाकाजांग के समीप पुलिस पिकेट बनना है. यहां वन विभाग के चार पेड़ हैं, जिसे काटने की अनुमति नहीं मिल रही है. 2011 से पुलिस पिकेट के लिए जमीन मांगी जा रही है. पुलिस पिकेट उस समय बन जाता, तो अब तक पुल चालू हो गया रहता.