गुमला गुमला जिले के विभिन्न सरकारी व अल्पसंख्यक स्कूलों में मध्याह्न भोजन संभाल रही रसोइयों के लिए खुशखबरी है. नये साल (2015) से अब मानदेय सीधे उनके खाता में जमा होगा. इसके लिए सभी स्कूलों के रसोइयों का खाता राष्ट्रीयकृत बैंक में खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. पहले माता समिति के खाते में पैसा जाता था.
इसके बाद माता समिति के माध्यम से रसोइया को पैसा मिलता था. माता समिति के खाते में अब सिर्फ मध्याह्न भोजन बनाने के लिए जरूरत के सामान खरीदने के लिए पैसा मिलेगा. जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त सूचना के अनुसार गुमला जिले में सरकारी व अल्पसंख्यक 1825 स्कूल है.
इसमें वर्ग एक से पांच तक के क्लास में एक लाख 37 हजार 104 बच्चों का नामांकन है. परंतु इसमें 88 हजार 372 बच्चे ही महीने में स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. जिस कारण इतने ही बच्चों का भोजन बनता है. वहीं वर्ग छह से आठ तक के क्लास में 46 हजार 16 बच्चों का नामांकन है. जिसमें महीने में 28 हजार 254 बच्चों की स्कूल में उपस्थिति के साथ भोजन बनता है. जिले में चार हजार दो रसोइया का पद स्वीकृत है. इसमें अभी तीन हजार 904 रसोइया विभिन्न स्कूलों में कार्यरत हैं. इन सभी रसोइया का खाता बैंक में खोला जाना है.