नगर पंचायत ने वाटर टैक्स वसूलने के लिए 1400 में से 850 उपभोक्ताओं की सूची बनायीसभी उपभोक्ताओं को वाटर टैक्स जमा करने के लिए भेजा जा रहा है नोटिसउपभोक्ताओं के हाथों में नोटिस पड़ने के बाद बकाया पैसा देख होश उड़ रहे हैंवर्ष 2006 से अबतक का वाटर टैक्स वसूला जायेगादुर्जय पासवान, गुमलागुमला शहरी क्षेत्र के 1400 उपभोक्ताओं के पास लगभग डेढ़ करोड़ रुपये वाटर टैक्स बकाया है. यह पैसा वर्ष 2006 से अबतक का है. इतना भारी रकम के बकाया होने से नगर पंचायत का काम प्रभावित हो रहा है. इसलिए नगर पंचायत ने वाटर टैक्स वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए 850 उपभोक्ताओं की सूची तैयार की गयी है. जब कि नगर पंचायत में 1400 उपभोक्ताओं ने वाटर कनेक्शन ले रखा है. अभी जिन 850 उपभोक्ताओं की सूची तैयार की गयी है. सभी को नोटिस भेजा जा रहा है. इसमें कुछ लोगों के हाथों में नोटिस पड़ गया है. जिन लोगों को अभी तक नोटिस नहीं मिला है. संभवत: 10 से 15 दिन के अंदर उनके घरों तक पैसा जमा करने का नोटिस पहुंच जायेगा. कई लोगों ने बकाया पैसा देख कर नोटिस लेने से इनकार कर दिया है. नगर पंचायत के अनुसार एक उपभोक्ता के पास पांच हजार से लेकर 30 हजार रुपये तक बकाया है. 2006 से अबतक 1400 उपभोक्ताओं ने वाटर टैक्स के नाम पर फूटी कौड़ी नगर पंचायत में नहीं जमा किया है. यहां बता दें कि नगर पंचायत के चुनाव के बाद गुमला शहरी क्षेत्र में अचानक वाटर टैक्स बढ़ा दिया गया था. इसके बाद गुमला के विभिन्न संगठनों ने आंदोलन शुरू किया था. इसमें चेंबर ऑफ कॉमर्स ने आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाया था. गुमला से रांची तक ज्ञापन सौंपा गया था. वाटर टैक्स कम करने का मामला अभी तक लंबित है. ऐसे समय में नपं ने पैसा वसूली करने की तैयारी शुरू कर दी है. इससे गुमला शहर के उपभोक्ता परेशान हैं. वाटर टैक्स के अलावा 25 उपभोक्ताओं से होल्डिंग टैक्स वसूलने के लिए सूची बना कर नोटिस तैयार की गयी है. लगभग पांच लाख रुपये होल्डिंग टैैक्स बकाया है. इसमें किसी के पास पांच हजार तो किसी के पास एक लाख रुपये है. नगर पंचायत होल्डिंग टैक्स वसूलने के लिए भी कड़ा हो गया है.लोस विस में वाटर टैक्स नहीं बना चुनावी मुद्दालोकसभा चुनाव संपन्न हो गया. अब विधानसभा चुनाव हो रहा है. परंतु गुमला शहरी क्षेत्र में बढ़ाया गया वाटर टैक्स अभी तक चुनावी मुद्दा नहीं बना है. जबकि गुमला शहर की जनता वाटर टैक्स कम करने को लेकर अपने से आंदोलन करते रही है. इस मामले को कभी भी यहां के नेता नहीं उठाये हैं.नगर पंचायत 2006 से अबतक (2014 सितंबर) का वाटर टैक्स वसूलने के लिए नोटिस भेज रही है. गुमला मंे ज्यादा वाटर टैक्स लिया जा रहा है. ऐसे में नोटिस भेजना गलत है. नपं को चाहिए कि दूसरे जिले के रेट के आधार पर वाटर टैक्स वसूले.रमेश कुमार, पूर्व अध्यक्ष, चेंबर ऑफ कॉमर्सवाटर टैक्स वसूलने के लिए 850 उपभोक्ताओं की सूची बनायी गयी है. इसमें कुछ लोगों को नोटिस भेजा गया है. कई लोगों के पास बहुत ज्यादा पैसा बकाया है. इसलिए लोक अदालत के माध्यम से नोटिस भेज कर वाटर टैक्स का बकाया पैसा वसूलने का काम किया जायेगा. मोसर्रत परवीन, उपाध्यक्ष, नगर पंचायत
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बॉटम ::::: 1400 उपभोक्ताओं के पास डेढ़ करोड़ बकाया
नगर पंचायत ने वाटर टैक्स वसूलने के लिए 1400 में से 850 उपभोक्ताओं की सूची बनायीसभी उपभोक्ताओं को वाटर टैक्स जमा करने के लिए भेजा जा रहा है नोटिसउपभोक्ताओं के हाथों में नोटिस पड़ने के बाद बकाया पैसा देख होश उड़ रहे हैंवर्ष 2006 से अबतक का वाटर टैक्स वसूला जायेगादुर्जय पासवान, गुमलागुमला शहरी क्षेत्र […]
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