दुर्जय पासवान, गुमला
देश के वीर सपूत परमवीर चक्र विजेता शहीद अलबर्ट एक्का के जारी प्रखंड में अस्पताल नहीं है. यहां की 30 हजार 926 आबादी भगवान भरोसे हैं. प्रखंड में डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति भी नहीं की गयी है. एएनएम के भरोसे लोग हैं. बीमार होने पर लोग गुमला, चैनपुर, डुमरी या छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिला इलाज के लिए जाते हैं. 2010 में जब जारी को प्रखंड का दर्जा मिला.
उस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) की स्थापना की पहल शुरू हुई थी. इसके लिए एक करोड़ रुपये की लागत से भवन भी बनना शुरू हुआ. लेकिन बाद में प्रखंड की आबादी कम होने के कारण सीएससी का दर्जा प्राप्त नहीं मिली और अस्पताल भवन का निर्माण कार्य भी बंद दिया गया. ठेकेदार भी आधा अधूरा भवन बनाकर भाग गया.
नौ साल से 30,926 आबादी प्रखंड में अस्पताल बनने का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए न तो प्रशासन और न ही सरकार शहीद के प्रखंड की ओर ध्यान दे रही है. जबकि किसी भी चुनाव में इस प्रखंड की कोई भी समस्या चुनावी मुददा नहीं बना है. परंतु इस बार के चुनाव में जनता ने खुद मुद्दा बनाया है और इसका असर चुनाव में देखने को मिलेगा.
छत्तीसगढ़ से सटा हुआ है शहीद का प्रखंड
जारी प्रखंड छत्तीसगढ़ राज्य से सटा हुआ है. 19 मार्च 2010 को प्रखंड बने जारी में पांच पंचायत है. इसमें 60 गांव आता है. आबादी 30 हजार 926 है. यह पहला प्रखंड है, जहां सोलर से बिजली जलती है. लेकिन कुछ ही इलाकों तक बिजली है. ग्रामीण विद्युतीकरण के तहत कई गांवों में बिजली नहीं पहुंची है. चार साल पहले एक करोड़ रुपये से बनी सड़क भी टूट गयी. सड़क खराब है. मरीज को दूसरे प्रखंड ले जाने में परेशानी होती है.
शहीद की पत्नी अस्पताल की मांग कर चुकी है
शहीद की पत्नी बलमदीना एक्का ने पहले कई मर्तबा जारी में अस्पताल भवन को जल्द पूरा कराने व डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की मांग कर चुकी है. लेकिन अभी तक सरकार स्तर से कोई नहीं हुई है. अगर शहीद की पत्नी बीमार होती है तो उसे गुमला या फिर रांची जाना पड़ता है.
जयकरण महतो ने कहा
जारी के जयकरण महतो ने बताया कि शहीद अलबर्ट एक्का के प्रखंड में अस्पताल नहीं होने से परेशानी हो रही है. कई बार सीएस व अन्य अधिकारियों से अस्पताल भवन बनाने की मांग की गयी है. परंतु कोई ध्यान प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया है. जारी प्रखंड की आबादी कम है. इस कारण सीएससी की स्थापना नहीं होने की जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाती है. प्रखंड में सरकार के स्तर से डॉक्टर की भी पोस्टिंग नहीं है.