दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला के ऑडिटोरियम में टाटा स्टील व मिशन बदलाव द्वारा रिजनल संवाद का आयोजन किया गया. इसमें झारखंड राज्य के 16 जिले से आदिवासी समाज के अलग-अगल समुदाय से 216 लोग भाग लिये. अलग-अलग जिले से आदिवासियों से संबंधित मुददे व जन सरोकार से जुड़े मुददे आये. जिसपर सभी 16 जिला के प्रतिनिधियों ने विचार विमर्श किया. साथ ही संवाद के द्वारा आयी समस्याओं को दूर करने का तरीका भी बताया गया.
मिशन बदलाव के जिला संयोजक जीतेश मिंज ने कहा कि रिजनल संवाद का मुख्य मकसद हम अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को एक दूसरे के समक्ष रखें. साथ ही उन समस्याओं को दूर करने का उपाय भी बताया है. जीतेश ने कहा कि संवाद के दौरान अंधविश्वास, पलायन, नशापान, अशिक्षा के अलावा गांव की समस्याओं का भी मुद्दा सामने आया है.
जीतेश ने लोगों से कहा कि हमारे गुमला जिला के आदिवासी रीझ रंग में ज्यादा ध्यान देते हैं. कभी वे अपने से गांव के विकास के बारे में चर्चा नहीं करते. सभी लोग सरकार की योजना पर निर्भर हैं. श्री मिंज ने कहा कि हमें खुद आत्मनिर्भर बनना होगा. गांव के विकास के लिए खुद प्लान करना होगा. तभी बदलाव आयेगा.
मौके पर भूषण भगत, असुर आदिम जनजाति से विमल असुर, स्वाति आइंद, जमशेदपुर से संथाली से शिव कुमार, बिशाल मरांडी, हो समाज से अपूर्वा अलरा, जीत मरांडी, संत होरो, हो समाज जोहगू से बांद्रा संगीत, हो महली समाज से शंकर महली, कोरवा समाज से राजू कोरवा, मुंडा समाज से टी होरो, मकीय मुंडा, बोकारो से मनोज कुमार ऑरोन, बिरहोर से संचय बिरहोर, गौंड समाज से सुखराम, मिशन बदलाव से जितेश मिंज, विनोद साहू सैनिक, प्रदीप कुमार, प्रेम कच्छप, रविंद्र तिर्की, अनंत कुमार, लियो केरकेट्टा, मनीष कुमार, मनीषा लकड़ा, मधुरी उरांव, फुदो देवी, प्रकाश तिर्की, निर्दोष ऑरोन, पंकज यादव, पलाल मिर्धा, जुवेल उरांव, आशुतोष सिंह, अमित सिंह, अजय कुमार, आशीष, किशुन और याकूब सहित कई लोग थे.