गुमला : जिला ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग गुमला के तत्वावधान में मंगलवार को सीएस कार्यालय सभागार में सुरक्षित मातृत्व पर कार्यशाला सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें प्रखंड स्तरीय बीपीएम, बीटीटी, डीआरपी व एसटीटी शामिल हुए. मौके पर जिला कार्यक्रम समन्वयक जेवियर एक्का ने बताया कि जिले में प्रतिवर्ष 75 मातृ मृत्यु है.
लेकिन इसकी रिपोर्ट एचएमआइएस में नहीं दिखा रहा है. उन्होंने मौके पर उपस्थित सभी लोगों को प्रत्येक मातृ मृत्यु का तत्काल रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट जमा होने के बाद मौखिक अंकेक्षण करने में आसानी होगी. इससे मातृ मृत्यु के कारणों का पता चलेगा और उसे भविष्य में रोकने के लिए उपाय किया जायेगा.
रीजनल कॉर्डिनेटर पवन कुमार ने बताया कि अभी तक जिला में केवल 45 केस का अंकेक्षण किया गया है. जिसमें मातृ मृत्यु का मुख्य कारण एनीमिया है. उन्होंने कहा कि जब तक प्रत्येक गर्भवती माता का चार प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित नहीं किया जाता है. जिससे मातृ मृत्यु रोकने में कठिनाई होगी. अत: प्रत्येक गर्भवती माता का चार एनएनसी निश्चित करवाना सुनिश्चित करें. श्री कुमार ने पिछले वित्तीय वर्ष एक अप्रैल 2013-14 तक जितना भी मातृ मृत्यु हुई है, उसका रिपोर्ट सहिया के माध्यम से 21 अप्रैल तक सीएस कार्यालय में जमा कराने का निर्देश दिया. कार्यक्रम में यूनीसेफ के रीजनल डाटा प्रबंधक राहुल कुमार, मो रिजवान, पारसनाथ साहू, सुमन कुजूर, विरेंद्र, प्रिया कुमारी, पदमा कुमारी, सिलवंती टोप्पो, जसिंता टोप्पो, देवेश साहू, सिद्धेश्वर सिंह सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.