गोड्डा : नक्सली गतिविधियों को लेकर सुंदरपहाड़ी का बेलपहाड़ी गांव पुलिस की रडार में था. इस बात की पुष्टि स्वयं पुलिस अधिकारी कई बार करते आये हैं. नक्सलियों की गतिविधि की जानकारी पुलिस को मिल रही थी. इसीलिए पुलिस ने इस क्षेत्र में ध्यान केंद्रित किया था. पुलिस को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि नक्सली दो तीन दिनों से ही इस क्षेत्र में कैंप किये हुये अथवा ठीकाना बनाये हुये हैं वैसे ही पुलिस ने बगैर देरी किये ही चढ़ायी कर दी.
पुलिस के वरीय अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले बार नक्सलियों ने बेलपहाड़ी गांव में ही शहादत दिवस मनाया था. तभी से ही पुलिस इस क्षेत्र में नजर रखी हुई थी.
एक अक्तूबर को पुन: हुई नक्सलियाें की मुठभेड़
पिछले साल दुर्गा पूजा के दो दिन पहले तथा इस बार पहली ही पूजा को मुठभेड़ हो गयी. पुलिस के अनुसार भेलपहाड़ी गांव के पास के जंगल में जब सर्च आॅपरेशन चल रहा था तो अचानक जंगल की ओर से फायरिंग प्रारंभ हो गयी. इस बार भी सबसे पहले नक्सलियों की ओर से ही फायरिंग हुई थी. घटना में पुलिस पदाधिकारी व एसडीपीओ की टीम पर ही हमला किया गया. हमला के बाद देखते ही देखते ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गयी. हालांकि घटना के बाद जवानों ने अविलंब पदाधिकारी को कवर रेंज में ले लिया और फिर गोड्डा में बड़ी घटना होने से बच गयी.
10 अक्तूबर 2015 को नक्सलियों ने दिया था बड़ी घटना को अंजाम
पिछले साल 10 अक्तूबर 2015 को कटहलडीह गांव में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में दो जवान शहीद हुये थे. अक्तूबर में हुई कार्रवाई के बाद करीब सात दिनों तक पुलिस का कॉबिंग ऑपरेशन चलता रहा. लेकिन पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लग पाया था. इस बार भी पुलिस की कार्रवाई के बारे में बताया जाता है कि हड़बड़ी में अभियान चलाया गया था. दस्ते में महिला की संख्या भी तीन से चार बतायी गयी थी.