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ओके::फ्लैग-निमोनिया पीडि़त शिशु की इलाज के क्रम में मौत

–नगर थानेदार ने समझा-बुझा कर परिजनों को शांत कराया -परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगायातस्वीर: 02 विलाप करते परिजन, 03 आउटडोर में गुस्साये परिजन ताला लगातेनगर प्रतिनिधि, गोड्डा निमोनिया से पीडि़त शिशु की मौत के बाद परिजनों ने मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर में जम कर हंगामा किया. जानकारी के […]

–नगर थानेदार ने समझा-बुझा कर परिजनों को शांत कराया -परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगायातस्वीर: 02 विलाप करते परिजन, 03 आउटडोर में गुस्साये परिजन ताला लगातेनगर प्रतिनिधि, गोड्डा निमोनिया से पीडि़त शिशु की मौत के बाद परिजनों ने मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर में जम कर हंगामा किया. जानकारी के अनुसार पिछले चार-पांच दिन से शिशु का इलाज एक प्राइवेट क्लिनिक में चल रहा था. जहां गंभीर स्थिति को देख चिकित्सक ने सदर अस्पताल रेफर कर दिया था. चार-पांच दिनों से सदर अस्पताल के एक चिकित्सक की देख-रेख में डेढ़ माह की ज्योति कुमारी का इलाज चल रहा था. मंगलवार को इलाज कर चिकित्सक ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया. इस पर परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगा जम कर हंगामा कर दिया. कठोना व गंगटा के ग्रामीण इतने आक्रोश में थे कि अस्पताल में ताला जड़ने का भी प्रयास किया. अस्पताल प्रबंधन द्वारा इसकी सूचना थाना प्रभारी संजय कुमार को दी गयी. थाना प्रभारी श्री कुमार ने अस्पताल पहुंच कर आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझा कर शांत कराया. —————————–रागी को अंतिम समय में अस्पताल लाना व चिकित्सक पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगाना गलत है. अस्पताल में पर्याप्त संसाधन में सभी चिकित्सक रोगियों का बेहतर इलाज करते हैं. गंभीर बीमारी होने से यदि किसी रोगी की मौत हो जाती है तो डॉक्टर को दोषी ठहराना उचित नहीं है. शिशु की मौत को लेकर डीएस से कारण पृच्छा किया जायेगा. -डॉ सीके शाही, सीएस गोड्डा .

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