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12 वर्षीय छात्रा से दुष्कर्म में आठ वर्ष का सश्रम कारावास

गिरिडीह : जिला व सत्र न्यायाधीश (सप्तम) संजीता श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के मामले में बबलू यादव (पिता कैलु यादव) को आठ वर्ष सश्रम कारावास (धारा 376) की सजा सुनायी. पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. जबकि धारा 315 भादवि में अदालत ने पांच वर्ष की सश्रम कारावास व तीन […]

गिरिडीह : जिला व सत्र न्यायाधीश (सप्तम) संजीता श्रीवास्तव की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के मामले में बबलू यादव (पिता कैलु यादव) को आठ वर्ष सश्रम कारावास (धारा 376) की सजा सुनायी. पांच हजार रुपये का जुर्माना भी किया है. जबकि धारा 315 भादवि में अदालत ने पांच वर्ष की सश्रम कारावास व तीन हजार रुपये का जुर्माना भी किया है.
जुर्माना की रकम नहीं देने पर एक वर्ष की सजा काटनी होगी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.मामला बेंगाबाद प्रखंड का है. पीड़िता के पिता के बयान पर बेंगाबाद थाना में छह मार्च 2006 को कांड संख्या 49/6 भादवि की धारा 366ए, 376 व 315 के तहत मामला दर्ज कराया गया था. 12 वर्षीय छात्रा बबलू यादव के पास ट्यूशन पढ़ने जाती थी. इसी दौरान बबलू यादव ने बहला-फुसलाकर उसका यौन शोषण किया और बाद में बच्ची का गर्भापात भी करा दिया. पीड़िता ने कहा कि बबलू उससे स्कूल आते-जाते समय मिलता था और घरवालों को हत्या की धमकी देकर लगातार यौन शोषण करता रहा. सत्रवाद संख्या 352/06 में अदालत ने बबलू यादव को धारा 376 व 315 में दोषी पाते हुए यह सजा सुनायी है.
वहीं इस कांड के अन्य आरोपी काशी महतो, सुरेश महतो व कैला यादव को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में अदालत पूर्व में ही रिहा कर चुकी है. मामले में अभियोजन की ओर से दस गवाहों का परीक्षण कराया गया, जिसमें चिकित्सक भी शामिल है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी अकील अहमद व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सत्यप्रकाश ने बहस की.

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