गिरिडीह : नगर निगम क्षेत्र में जलसंकट को ले संवेदक और वार्ड पार्षद प्रतिनिधि के बीच उत्पन्न विवाद के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इससे नगर निगम का माहौल गरम है. जलापूर्ति संचालन करने वाले संवेदक ने वार्ड पार्षद प्रतिनिधि पर प्राथमिकी दर्ज करायी, इसके बाद एक अन्य वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि ने संवेदक व उसके पुत्र पर मामला दर्ज करा दिया है.
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संवेदक व पार्षद प्रतिनिधियों के बीच विवाद से निगम का माहौल गरम
गिरिडीह : नगर निगम क्षेत्र में जलसंकट को ले संवेदक और वार्ड पार्षद प्रतिनिधि के बीच उत्पन्न विवाद के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इससे नगर निगम का माहौल गरम है. जलापूर्ति संचालन करने वाले संवेदक ने वार्ड पार्षद प्रतिनिधि पर प्राथमिकी दर्ज करायी, इसके बाद एक अन्य वार्ड पार्षद के प्रतिनिधि ने संवेदक […]
विवाद के कारण अब शहरी क्षेत्र में बेहतर तरीके से जलापूर्ति संचालन पर भी सवाल उठने लगा है. बता दें कि शहरी क्षेत्र में अक्सर पानी की किल्लत उत्पन्न होती रहती है. इसे लेकर लोग आंदोलन भी करते हैं. लोगों के आक्रोश का सामना निगम के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को भी करना पड़ता है.
क्या है मामला : पिछले दिनों चार दिनों तक खंडोली वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहरी क्षेत्र के कई हिस्सों में जलापूर्ति बाधित रही. इस समस्या को लेकर गत 17 जनवरी को संवेदक व वार्ड पार्षद प्रतिनिधियों के बीच नोकझोंक हो गयी. मामले को लेकर जलापूर्ति कार्य के संवेदक राजकुमार बुबना ने वार्ड 18 के पार्षद प्रतिनिधि शिवम आजाद एवं वार्ड 15 के पार्षद प्रतिनिधि मिथुन चंद्रवंशी पर मारपीट कर सोने की चेन व पैसा छीनने का आरोप लगाते हुए नगर थाना में मामला दर्ज करा दिया.
इधर, वार्ड नंबर 21 के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राजकुमार भुइयां ने संवेदक राजकुमार बुबना और उसके पुत्र पर जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए एसटीएससी नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी. राजकुमार भुइयां का भी आरोप है वह भी पेयजल संकट के समाधान के लिए संवेदक के पास पहुंचे थे, तभी उनके साथ संवेदक ने इस तरह की हरकत की.
‘पहली बार थाना पहुंचा मामला : यह पहली बार है कि जलसंकट के मामले को लेकर मारपीट व आरोपों का यह मामला थाना तक जा पहुंचा. अब इस विवाद को लेकर नगर निगम भी चौकस हो गया है. इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि कहीं इस विवाद के कारण पानी आपूर्ति की समस्या उत्पन्न न हो जाये. यही वजह है कि मेयर से लेकर नगर आयुक्त का ध्यान पेयजल संयोजन पर केंद्रित हो गया है. बता दें कि शहरी क्षेत्र में खंडोली नया व पुराना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, महादेव तालाब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व चैताडीह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी सप्लाई किया जाता है.
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