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बंधक बने मजदूरों के घर मायूसी का डेरा
बगोदर : अफगानिस्तान में बंधक बने बगोदर थानांतर्गत घाघरा गांव के बांधडीह टोला निवासी प्रकाश महतो व प्रसादी महतो तथा महुरी गांव के हुलास महतो के घरों पर मायूसी का डेरा है. समय बीतने के साथ परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है. वे अपने घरों के मुखिया के अगवा हो जाने से सदमे में […]
बगोदर : अफगानिस्तान में बंधक बने बगोदर थानांतर्गत घाघरा गांव के बांधडीह टोला निवासी प्रकाश महतो व प्रसादी महतो तथा महुरी गांव के हुलास महतो के घरों पर मायूसी का डेरा है. समय बीतने के साथ परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है. वे अपने घरों के मुखिया के अगवा हो जाने से सदमे में हैं. इनके घरों में मंगलवार की देर शाम से बुधवार को दिन भर नेताओं व आम लोगों की आवाजाही लगी रही.
हाल घाघरा गांव का : शुकरी के घर में प्रकाश नहीं है
प्रखंड मुख्यालय के जीटी रोड से छह किमी उत्तर में अवस्थित है घाघरा गांव. गांव में पहुंचने के साथ सन्नाटा आशंका मिश्रित सन्नाटा आपका स्वागत करता है. करीब ढाई बजे प्रकाश महतो के घर के बाहर महिला, बच्चों व लोगों की भीड़ जुटी है. सभी की नजर आने-जाने वालों को एक सवाल के साथ घूरती है. प्रकाश के अपहरण से मां शुकरी देवी आशंकाओं के अंधेरे में डूबी है. प्रकाश के बेटे को गोद में लिये वह ग्रामीणों के बीच बैठी है. आखिरी बार बेटे से बात की बाबत पूछने पर उसकी सूनी आंखें बरस जाती हैं. रुंधे गले से किसी तरह कहती हैं : बेटवा विदेश गेल है कमाय खातिर ले. पुतोहू के पास ही रविवार के भोरे चार बजे फोन आइल हले. जेकेर हाल समाचार सब बेसे बतयले. ओहीं घुर दिन सोमवार के खबर अयेले कि कुछ बदमाश सब उठा के जबरदस्ती लेगेले है. तब से अन्न-पानी नय पार हो लगेल है बाबू. हमर बेटवा के जल्दी घरे बोलाय द़.
प्रकाश की पत्नी चमेली देवी ने बताया कि मालिक का फोन रविवार को आया था. हाल समाचार लिया. उसके बाद कंपनी के मैनेजर ने फोन किया़ और बताया कि कुछ टीवी समाचार में सुनी हो या क्या तो मैंने कहा नहीं. उधर से बताया गया कि प्रकाश महतो को अगवा कर लिया गया है. हमलोग जल्द उसे छुड़ा लेंगे. तब से मन डरा हुआ है ! पत्नी अपने दो बच्चे कुंदन कुमार व पुत्री गायत्री कुमारी को लेकर चिंतित है. वो बताती है कि घर का एक मात्र कमानेवाला सदस्य थे, गत फरवरी 2017 में ही काम करने गये थे़. इससे पहले चार साह पहले वहां काम किया है.
अफगानिस्तान में अपहृत घाघरा बांध टोला निवासी 75 वर्षीय प्रकाश महतो के दादा गोवर्धन महतो के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे. उन्होंने रुंधे गले से कहा कि बाबू इस बुढापा में बेटा, पोता ही आखिरी आस है. बताया कि अपने बाल-बच्चों के लिए घर-बार छोड़ कर कमाने विदेश जाते हैं, लेकिन वहां पर उनके साथ ऐसी घटना से मन परेशान हो जाता है. उनके चार बेटे हैं. बड़ा बेटा प्रकाश महतो का पिता जेठु महतो इंदौर में मजदूरी करता है. प्रकाश तीन भाई है. छोटा भाई बसंत महतो एक साल से सउदी अरब में काम कर रहा है.
आज डीसी पहुंचेंगे घाघरा व महुरी : सीओ
बगोदर. अफगानिस्तान में बगोदर प्रखंड के बंधक बनाये गये मजदूरों के परिजनों से बुधवार को बगोदर अचंलाधिकारी भोला शंकर महतो मिले. यहां उन्होंने परिजनों का हालचाल लेने के साथ सारी जरूरी जानकारियां हासिल की. उपायुक्त के निर्देश पर दौरे पर आये अंचलाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार को पूरा आंकड़ा दिया जायेगा. कहा कि उपायुक्त मनोज कुमार गुरुवार को बगोदर पहुंच कर अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाकू के हाथों बंधक बने तीनों मजदूरों के परिजनों से मिलेंगे. बताया कि हुलास महतो अगस्त 2017 में अफगानिस्तान गये थे, जबकि घाघरा के प्रकाश महतो व प्रसादी महतो जनवरी 2017 में गये थे.
विधायक ने स्वदेश भेजने की व्यवस्था की मांग की
बगोदर. बगोदर विधायक नागेंद्र महतो ने भी अफगनिस्तान में बंधक बनाये गये मजदूरों की सकुशल रिहाई को लेकर केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखा है. पत्र के जरिये सकुशल रिहाई के तत्काल बाद स्वदेश भेजने की व्यवस्था की मांग की है. पूरे मामले से मुख्यमंत्री को अवगत कराया है. सीएम ने भी गिरिडीह उपायुक्त से पूरे मामले की जानकारी तलब की है. विधायक ने कहा कि मजदूरों की सकुशल वापसी उनकी प्राथमिकता में है. बुधवार की देर शाम विधायक ने मुहरी व घाघरा के प्रकाश महतो व प्रसादी महतो व महुरी के हुलास महतो के परिजन से मिल ढाढ़स बंधाया. उन्होंने परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया. कहा : अन्य देशों में अप्रवासी मजदूरों के साथ हो रही परेशानी दूर करने को लेकर सीएम के साथ वार्ता की जायेगी.
प्रसादी के घर पर ताला, बाहर सन्नाटा
दूसरे अपहृत प्रसादी महतो के घर में सन्नाटा है. घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लटका हुआ है. प्रसादी का पुत्र मोहन महतो (17 वर्ष) ने बताया कि पिता जी प्रसादी महतो ग्रामीण प्रकाश महतो के साथ फरवरी 2017 में काम करने के अफगानिस्तान गये हुए थे़. मोहन दो भाई व दो बहन है. घर में आय के स्रोत सिर्फ पिता ही हैं. पिता को अफगानिस्तान की यही कंपनी टावर लगाने के काम में ले गयी. तीन माह में करीब 52 हजार रूपये भेजा जाता है. उसने बताया कि 26 अप्रैल 2018 को आखिर बार 52 हजार रुपये भेजे थे. इसीसे घर चलता है. अपहरण की सूचना मिलने के बाद से घर के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता किस हाल में होंगे, इसकी चिंता हमें खाये जा रही है. मोहन ने बताया कि बुधवार को दिन के 12 बजे डीएसपी दीपक शर्मा आये थे. अधिकारी ने हाल-चाल जाना. अधिकारी ने पिता की सकुशल रिहाई का भरोसा दिया.
उल्लास छिन गया हुलास के घर से
हुलास महतो का घर जीटी रोड महुरी एनएचटू से डेढ़ किमी दूर स्थित है. बुधवार की दोपहर तीन बजे हुलास महतो के घर के बाहर लोगों की भीड़ जुटी है. हुलास की पत्नी अपने बच्चों के साथ घर की देहरी पर उदास बैठी है. पूछने पर बोली : पति के अगवा होने से मन व्याकुल है. खाना-पीना गले नहीं उतर रहा है.
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