मतदाताओं में नहीं दिख रहा है उत्साह कंचनपुर पंचायत, प्रखंड -रंका26जीडब्ल्यूपीएच1-मंजू देवी26जीडब्ल्यूपीएच2-संजय तिवारी26जीडब्ल्यूपीएच3-नवरंगी भुइयां26जीडब्ल्यूपीएच4-घनश्याम ठाकुर26जीडब्ल्यूपीएच5-शरफुद्दीन अंसारी26जीडब्ल्यूपीएच6-मुखिया सूर्यनाथ राम प्रतिनिधि, रंका(गढ़वा). पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है. संभावित प्रत्याशियों का नामांकन जारी है. वर्ष 2010 में पिछले 25 वर्ष बाद पंचायत चुनाव हुए थे. गांव की सरकार बनी थी, तो लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब गांव की सूरत बदलेगी. गांव का समुचित विकास होगा. परंतु उनके उम्मीदों पर पानी फिर गया. गांव आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी,सड़क, नाली जैसी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. फलस्वरूप गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी व पलायन की समस्याएं यथावत रह गयी हैं. गांव का अपेक्षित विकास नहीं हुआ. पिछले पांच वर्ष में पंचायत कितना बदला, लोगों की जो उम्मीदे थीं, उसके अनुरूप कार्य हुआ कि नहीं, इन पहलुओं पर प्रभात खबर नेरंका प्रखंड के कंचनपुर पंचायत के लोगों की राय जानने का प्रयास किया है. प्रस्तुत है लोगों की राय कागज तक ही सिमटा स्वच्छता अभियानकंचनपुर पंचायत के मतदाता अभी तक खामोश दिख रहे हैं. पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गयी, लेकिन अभी तक मतदाताओं में चुनाव को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा है. इसका एक बड़ा कारण है कि लोग पांच वर्ष में कोई बदलाव नहीं देख कर पंचायत चुनाव के प्रति उत्साहित नहीं हैं. पंचायत में स्वच्छता अभियान भी कागज पर ही सिमट कर रह गया है. स्वच्छता के नाम पर कहीं कुछ नहीं हुआ. कंचनपुर पंचायत का अपना सचिवालय भवन है. मगर खुलता नहीं है. सिर्फ ग्राम सभा के दिन खुलता है. पंचायत का कुछ भी कार्य सचिवालय में नहीं होता है. मुखिया व पंचायत सचिव पंचायत कार्यालय में नहीं बैठते हैं. पंचायत के लगभग सभी गांव में बिजली पहुंचा दी गयी है, लेकिन नियमित बिजली नहीं रहने से लोगों को बिजली का कोई खास लाभ नहीं मिल पा रहा है. पानी के लिए गांव में हाहाकार मचा हुआ है. पानी का समुचित व्यवस्था नहीं हो पाया है. गांव की सड़कें पंचायत के दूसरे गांव तक नहीं जुड़ पायी हैं. गांव में विकास योजनाएं का क्रियान्वयन नहीं होने के कारण मजदूरों का पलायन पहले के जैसा ही हो रहा है. कंचनपुर पंचायत में अपना स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं है. लोगों को गंभीर या साधारण बीमारी के लिए भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रंका जाना पड़ता है. स्वच्छता अभियान को गति मिले, इसकी जिम्मेवारी पंचायत के मुखिया को दी गयी थी. परंतु इस अभियान में लोगों ने दिलस्पची नहीं दिखायी. गांव खुले शौच से मुक्त नहीं हो पाया है. क्या कहते हैं लोगकुछ विकास नहीं हुआ : शरफुद्दीन अंसारीकंचनपुर पंचायत के शरफुद्दीन अंसारी का कहना है कि पिछले पांच साल में पंचायती राज व्यवस्था में गांव की स्थिति नहीं बदली. विकास कुछ नहीं हुआ. सड़क, नाली का निर्माण भी नहीं हुआ और पानी भी की व्यवस्था नहीं की गयी. जो विकास होना चाहिए था, वह नहीं हो सका.विकास पांच साल पीछे चला गया : घनश्याम ठाकुरपंचायत के वार्ड नंबर 10 के घनश्याम ठाकुर का कहना है कि पंचायत चुनाव के बाद गांव का विकास होने की उम्मीद जगी थी. परंतु मुखिया द्वारा विकास का कार्य सही रूप से नहीं किये जाने के कारण उनका पंचायत आगे जाने के बजाय पांच साल पीछे चला गया. मुखिया ने अपने पद का सहीं ढंग से उपयोग नहीं किया. पानी की समस्या यथावत है. उनके वार्ड के लोगों को गरमी के दिनों में एक किमी दूर दौनादाग मवि में पानी लेने के लिए जाना पड़ता है. मुखिया ने पद का दुरुपयोग किया : नवरंगी भुइयांवर्ष 2010 में मुखिया के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे नवरंगी भुइयां का कहना है कि मुखिया ने अपने पद का दुरुपयोग किया है. मनमानी तरीके से बिना ग्राम सभा किये बगैर इंदिरा आवास लाभुकों का चयन कर इंदिरा आवास दिया गया. अब चहेते लोगों को विकास के लिए आवंटित राशि को जैसे-तैसे योजनाओं को पूर्ण कर राशि का बंदरबाट कर दिया गया है. क्षेत्र का विकास नहीं हुआ है. अधिकार के अनुरूप कार्य नहीं हुआ : संजय तिवारी रबदा निवासी संजय तिवारी का कहना है कि मुखिया को जो अधिकार मिला, उसके अनुरूप कार्य नहीं किया गया. उनका कहना है कि उससे अच्छा तो पिछली व्यवस्था ही थी, जब पंचायती राज व्यवस्था लागू नहीं हुआ था. उस समय अच्छा काम होता था. पंचायत चुनाव होने के बाद भी गांव में जो पूर्व की स्थिति थी, वह आज भी कायम है. जनहित में कोई कार्य नहीं किया गया. पंचायत आरक्षित सीट है. इस पंचायत को विकास करने के लिये एक अदद ईमानदार पंचायत प्रतिनिधि की आवश्यकता है. मुखिया नजर नहीं आये : मंजू देवीकंचनपुर निवासी मंजू देवी कहती है कि चुनाव जीतने के बाद मुखिया वार्ड नंबर 11 में नजर नहीं आये. वार्ड में पीसीसी पथ व नाली नहीं बनी. सिंचाई के लिए कोई साधन नहीं है. खुले मैदान में लोग शौच करते हैं. गांव की हालत में कोई भी बदलाव नहीं हुआ.अपेक्षित अधिकार नहीं मिला : सूर्यनाथ क्या कहते हैं मुखिया कंचनपुर पंचायत के मुखिया सूर्यनाथ राम कहते हैं कि सरकार द्वारा मुखिया को अपेक्षित अधिकार नहीं दिया गया. जिसके कारण विकास का कार्य शत-प्रतिशत नहीं कर सका. यदि सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में आवंटित राशि मिलती तो, निश्चित रूप से एक गांव से दूसरे गांव तक सड़क को जोड़ने का काम करते, सिंचाई की समुचित व्यवस्था हो पाती. यही कारण है कि लोेग पंचायत बनने से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि 13वें वित्त आयोग से जो राशि मिली है, उससे आठ मिट्टी मोरम पथ की मरम्मत, छह चबूतरा, 11 चापाकल, एक नाली, तीन नहर पुलिया, कंचनपुर प्रावि में बच्चों को बैठने के लिए 25 बेंच-डेस्क, पंचायत में उपस्कर जैसे दो गोदरेज,दो रेक, 30 कुर्सी,पांच टेबल, चार दरी, एक फोटो कैमरा खरीदा गया है. वहीं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से तीन पीसीसी पथ, मनरेगा से 94 कुंआ, 10 मिट्टी मोरम पथ, दो बांध, एक तालाब धरातल पर उतारा. जरूरतमंदों को 60 वृद्धावस्था पेंशन व इंदिरा आवास दिलाने का काम किया हूं.मुखिया पद का आरक्षणवर्ष 2010 में कंचनपुर पंचायत के लिए मुखिया का पद अजा सामान्य के लिए आरक्षित था. इस वर्ष अजा महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है. फैक्ट प्रोफाइल पंचायत का नाम-कंचनपुर कुल मतदाता-4216पुरूष मतदाता-2207महिला मतदाता-2009मवि-दो, प्रावि-12, जविप्र की दुकान-छह, आंगनबाड़ी केंद्र-छहपंचायत सचिवालय का अपना भवन है. पंचायत के गांव: कंचनपुर, रबदा, खुरा, डाले,लुकुमबार, होनहेकला, हुमहेखुर्द, रंकाखुर्द, झगराहा
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मतदाताओं में नहीं दिख रहा है उत्साह
मतदाताओं में नहीं दिख रहा है उत्साह कंचनपुर पंचायत, प्रखंड -रंका26जीडब्ल्यूपीएच1-मंजू देवी26जीडब्ल्यूपीएच2-संजय तिवारी26जीडब्ल्यूपीएच3-नवरंगी भुइयां26जीडब्ल्यूपीएच4-घनश्याम ठाकुर26जीडब्ल्यूपीएच5-शरफुद्दीन अंसारी26जीडब्ल्यूपीएच6-मुखिया सूर्यनाथ राम प्रतिनिधि, रंका(गढ़वा). पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है. संभावित प्रत्याशियों का नामांकन जारी है. वर्ष 2010 में पिछले 25 वर्ष बाद पंचायत चुनाव हुए थे. गांव की सरकार बनी थी, तो लोगों में उम्मीद जगी थी […]
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