गढ़वा :गढ़वा जिले में रविवार और सोमवार को भारी बारिश हुई है. इस बारिश से पहली बार इस बरसात में जिले के सभी छोटी-बड़ी नदियों में पानी देखने को मिला है. सरसस्वतिया, दानरो, खजुरिया, फुलवरिया, बिरहा, यूरिया जैसी छोटी नदियां भी इस दो दिनों की बारिश के बाद अस्तित्व में आ गयी हैं. साथ ही जिले के अधिकांश आहर, पोखर भी भर चुके हैं. डैमों में भी पर्याप्त पानी जमा हो गया है. इससे किसानों के बचे हुए धान की रोपनी की उम्मीद पूरी हो गयी है.
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फिर से शुरू करेंगे धान की रोपाई
गढ़वा :गढ़वा जिले में रविवार और सोमवार को भारी बारिश हुई है. इस बारिश से पहली बार इस बरसात में जिले के सभी छोटी-बड़ी नदियों में पानी देखने को मिला है. सरसस्वतिया, दानरो, खजुरिया, फुलवरिया, बिरहा, यूरिया जैसी छोटी नदियां भी इस दो दिनों की बारिश के बाद अस्तित्व में आ गयी हैं. साथ ही […]
वहीं आहर, डैम के कमांड क्षेत्र वाले किसानों के धान की फसल को होनी की उम्मीद बन चुकी है. विदित हो कि रविवार को जहां 32.7 मिमी तथा सोमवार की सुबह तक 76.4 मिमी बारिश हुई है. इस बारिश से अधिकांश क्षेत्रों में जनजीवन प्रभावित हो गया है. कई जगह सड़कों पर पानी भर जाने व नाली का पानी सड़क व घरों में आ जाने के कारण लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इसके बावजूद पिछले दो दिनों की वर्षा से अल्पवृष्टि झेल रहे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. पहले किसानों को अपने धान रोपनी व आगे उसे बचाने चिंता थी.
लेकिन जिस तरह से इस बार मॉनसून की बारिश हुई है और आकाश में अभी भी बादल छाये हुए हैं, उससे किसानों को अपनी धान की फसल के प्रति उम्मीद जग चुकी है. वहीं नदी, तालाबों के अस्तित्व में आ जाने के बाद जलस्तर भी सामान्य हो गया है. अगस्त महीने की इस वर्षा से सूखे की आशंका टलती दिख रही है. विदित हो कि जून और जुलाई महीने में औसत से काफी कम वर्षा हुई थी. इसको देखते हुए यहां सूखे की आशंका जतायी गयी थी.
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