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चार साल बाद भी सुराग नहीं

2011 में कमाने के लिए घर से निकला था नसीर अंसारी धुरकी(गढ़वा) : धुरकी प्रखंड के खाला गांव निवासी जैनुल अंसारी का पुत्र नसीर अंसारी पिछले चार जून 2011 को घर से काम करने के लिये जो बाहर निकला है, आजतक घर वापस नहीं लौटा है. जैनुल के मुताबिक उसके पुत्र को नगरऊंटारी थाना के […]

2011 में कमाने के लिए घर से निकला था नसीर अंसारी

धुरकी(गढ़वा) : धुरकी प्रखंड के खाला गांव निवासी जैनुल अंसारी का पुत्र नसीर अंसारी पिछले चार जून 2011 को घर से काम करने के लिये जो बाहर निकला है, आजतक घर वापस नहीं लौटा है. जैनुल के मुताबिक उसके पुत्र को नगरऊंटारी थाना के कोईंदी गांव निवासी अयूब अंसारी एवं इद्रीश अंसारी रायपुर काम दिलाने को कह कर ले गये थे, लेकिन घर से निकलने के दूसरे दिन ही रात में फोन करके उन्हें बताया गया कि उसका लड़का रास्ते में ही गायब हो गया है.

जब वह इस संबंध में इद्रीश एवं अयूब से पूछताछ की, तो उन्होंने इस संबंध में कोई भी सही जवाब नहीं दिया. तब से वह अपने बेटे को खोजने के लिए परेशान हैं. बेटे को खोजने में अबतक वह जमीन बेच कर 2.40 लाख रुपये खर्च कर चुका है. इसके बाद भी नसीर का पता नहीं चल पाया है. जैनुल ने बताया कि उसने इस संबंध में पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी से सहयोग लेकर गढ़वा उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक से कई बार मिल कर आवेदन दिया. एक फरवरी 2013 को गृह विभाग के प्रधान सचिव एवं दो फरवरी को पुलिस महानिदेशक को भी आवेदन देकर अपने पुत्र के खोजने की गुहार लगायी. लेकिन इसके बाद भी उसके पुत्र का पता नहीं चल पाया है.

इधर नसीर की पत्नी नुसैबा बीबी का शौहर के चार से पता नहीं चल पाने के कारण बुरा हाल हो गया है. नसीर जब कमाने जा रहा था, तो उसके दो पुत्र थे. लेकिन इस बीच एक पुत्र की बीमारी से मौत हो चुकी है. आर्थिक तंगी के कारण नुसैबा कभी मायके तो कभी ससुराल में रहकर जीवन काट रही है.

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