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अवैध कब्जे के खिलाफ थाना पहुंचे ग्रामीण

केतार:केतार प्रखंड के बतो,छाताकुण्ड और मुकुंदपुर नारायण वन में वन भूमि को अपनाने के लिए दर्जनों ग्रामीणों द्वारा वन भूमि से हरे-पौधों को काटकर उसे हल तथा ट्रैक्टर से जोतकर उसमें खेती किया जा रहा है़ इसको लेकर आसपास के लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है़ इससे आक्रोशित दर्जनों लोगों ने मंगलवार को […]

केतार:केतार प्रखंड के बतो,छाताकुण्ड और मुकुंदपुर नारायण वन में वन भूमि को अपनाने के लिए दर्जनों ग्रामीणों द्वारा वन भूमि से हरे-पौधों को काटकर उसे हल तथा ट्रैक्टर से जोतकर उसमें खेती किया जा रहा है़ इसको लेकर आसपास के लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है़ इससे आक्रोशित दर्जनों लोगों ने मंगलवार को केतार थाना पहुंच कर इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की़ ग्रामीण काफी आक्रोशित थे़ थाना प्रभारी राजकुमार सिंह द्वारा ग्रामीणों को जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिये जाने के बाद ग्रामीण शांत हुए.

ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम बतो में गांव के ही निजी अमीन मुनी महतो ने पैसा लेकर बगैर स्थल देखे दो दर्जन लोगों बतो गांव के बाघवा जंगल का 50 एकड़ से ज्यादा वन भूमि का नक्शा काटकर भूमि पट्टा बनाने के लिए थमा दिया.

नक्शा मिलते ही शीलवंती कुंवर, रवीन्द्र चौधरी, शिव चेरो, खेलावन चेरो, रम्भा देवी, सूर्यदेव चेरो, किशनाथ चेरो, शंभु चेरो, गरीबन चेरो, सुखाडी राम, सुदीप राम, अकलू राम, शिवपुजन राम, देव पुजन राम, नन्दू चेरो, प्रसाद चेरो, सोमारू चेरो, पुनु चेरो, धुरा राम, बुचु राम आदि ने उक्त भूमि में लगे हरे पौधो को साफ कर उसे खेती योग्य बना डाला.इनके अलावे जिन ग्रामीणों से जितना बन पाया , उन्होंने उक्त भूमि पर कब्जा कर अरहर, मक्का आदि बोया़ बोया गया. यहां तक कि वे लोग झाला बनाकर वहां रहने भी लगे़.

वन भूमि खाली नहीं करायी गयी तो आंदोलन : ग्रामीण : बतो गांव से जुड़े ग्रामीण महेंद्र यादव, प्रदीप कुमार, दिलीप यादव, शंकर यादव, परीखा मिस्री, विकास सिंह, अरुण पाठक, शंकर पाल, नागेन्द्र यादव, शीतल पाल आदि ने कहा कि वन भूमि पर अवैध रूप से सफाया कर कब्जा कर लिये जाने के कारण उनके पशुओं का चारागाह समाप्त हो गया है़ यदि इस पर वन विभाग शीघ्र कार्रवाई नहीं करता है, तो वे इसके खिलाफ आंदोलन के लिए विवश होंगे़

निजी अमीन से कराया गया था काम : सीआइ : इस संबंध में पूछे जाने पर सीआई जगन्नाथ माझी ने कहा कि सरकारी अमीन की कमी के कारण स्थानीय निजी अमीन मुनी महतो को भूमि पट्टा की विस्तृत जानकारी देकर ग्राम सभा के माध्यम से 2005 से उक्त वन भूमि पर रह रहे आदिवासी परिवार को ही चिन्हित कर उन्हे पट्टा दिया जाना था. पर बतो से एक भी आदिवासी परिवार की सूची प्राप्त नहीं हुई बाद में जंगल काट रहे लोग वहां अवैध रूप से रह रहे हैं.

जांच कर कार्रवाई होगी: डीएफओ : इस संबंध में गढ़वा वन प्रमंडल पदाधिकारी उतरी अशोक कुमार दूबे ने कहा कि इसकी जांच कर वे कार्रवाई करेंगे़

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