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बकरी शेड बनाये बिना निकाली गयी राशि, विरोध

मानगो. जोड़सा पंचायत में लाभुकों ने किया हंगामा गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की जोड़सा पंचायत में मनरेगा से स्वीकृत बकरी शेड निर्माण में भारी अनियमितता बरती गयी है. पंचायत में करीब 100 बकरी शेड निर्माण की स्वीकृति 2016-17 में मिली थी. एक बकरी शेड की प्राक्कलित राशि 63,100 रुपये है. इसमें 45 हजार मैटरियल और […]

मानगो. जोड़सा पंचायत में लाभुकों ने किया हंगामा

गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की जोड़सा पंचायत में मनरेगा से स्वीकृत बकरी शेड निर्माण में भारी अनियमितता बरती गयी है. पंचायत में करीब 100 बकरी शेड निर्माण की स्वीकृति 2016-17 में मिली थी. एक बकरी शेड की प्राक्कलित राशि 63,100 रुपये है. इसमें 45 हजार मैटरियल और बाकी राशि मजदूरी के लिए है. वेंडर ने काम किए बिना प्राक्कलित राशि का उठाव कर लिया. वहीं जमीन पर काम नहीं के बराबर हुआ है. अधिकांश बकरी शेड अर्द्ध निर्मित है. कहीं दीवार दी गयी, तो कहीं नींव खोद कर छोड़ दी गयी है. कहीं सिर्फ ईंट, पत्थर-बालू गिराये गये हैं. बिना काम किये राशि निकासी कैसे हुई यह जांच का विषय है.
मनेरगा में प्रावधान है, जितना काम होगा उतनी राशि की निकासी होगी.
जिप सदस्य ने की जांच, धोडांगा गांव में लाभुकों व ग्रामीणों का विरोध: जिला परिषद सदस्य तुलसी वाला मुर्मू, पंसस प्रतिनिधि राखोहरी महतो, जिप प्रतिनिधि दुर्गा मुर्मू ने गुरुवार को लाभुकों की शिकायत पर जोड़सा पंचायत के धोडांगा गांव पहुंचे. यहां बकरी शेड योजना की जांच की. इस गांव के लाभुक सुनाराम सोरेन, राकेश सोरन, मुचीराम मुर्मू, फूदान बास्के ने बताया कि बिना काम किए वेंडर ने राशि का उठाव कर लिया. राकेश सोरन और मुचीराम का कुछ काम नहीं हुआ है.
इसके बाद राशि का उठाव वेंडर ने कर लिया है. सुनाराम और फुदान का थोड़ा बहुत काम हुआ है. लाभुकों ने बताया कि पंचायत के सभी गांवों में ऐसी स्थिति हैं. लाभुकों ने कहा कि दीया इंटरप्राइजेज वेंडर का काम कर रहा है. मुखिया और पंचायत सेवक के डिजिटल हस्ताक्षर से राशि उठाव होती है. बिना काम किए वेंडर ने कैसे राशि की निकासी की यह जांच का विषय है. लाभुकों और ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर विरोध भी जताया. इस संंबंध में बीडीओ से पक्ष लेने का प्रयास किया गया,
उन्होंने मीटिंग में होने की बात कही.जोड़सा पंचायत में करीब 100 बकरी शेड निर्माण में भारी अनियमितता उजगार हुई है. बिना एमबी व काम किए राशि की निकासी कैसे हुई. राशि निकासी में मुखिया, पंचायत सचिव का डिजिटल हस्ताक्षर होता है. इसके बाद बीडीओ की स्वीकृति मिलने पर राशि निकासी होती है. मामला गंभीर है. इसकी शिकायत डीडीसी से करेंगे. जिला की बैठक में मामले को उठायेंगे. ग्रामीणों का विरोध जायज है.
तुलसी वाला मुर्मू, जिप सदस्य, घाटशिला

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