घाटशिला : घाटशिला प्रखंड की उत्तरी मऊभंडार के फूलपाल गांव में बीते 150 साल पुराने शिव मंदिर में भूमि विवाद का मामला तूल पकड़ने लगा है. इस मंदिर के पास बांस से घेराबंदी करने से ग्रामीण असमंजस की स्थिति में हैं.
कई पुरुष और महिलाओं ने बांस की घेराबंदी पार कर मंदिर में जलाभिषेक करने जाते हैं. सुजीत दंडपात ने बताया कि पूर्वज जोगेश्वर दंडपात ने हल जोतते समय बाबा शिव की मूर्ति हल के फाल में मिला और उसी समय से मंदिर में मूर्ति स्थापित की गयी.
पहले मंदिर झोपड़ी की थी. उसी समय से मंदिर में पूजा होते आ रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस से शिकायत की गयी है कि उनके भजीते समीर दंडपात और अन्य ने मंदिर के पास खेत में धान रोपनी की है. उन्होंने इस भूमि पर कब्जा किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में ग्रामीणों ने भी पुलिस से शिकायत की है.
जोगेश्वर ने की स्थापना : समीर
समीर दंडपात और दीपक दंडपात ने कहा कि यह सही बात है कि पूर्वज जोगेश्वर दंडपात ने शिव मंदिर की स्थापना की थी.
जिस भूमि पर धान की खेती की गयी है, इसकी सहमति ग्राम प्रधान और मुखिया से ली गयी है. उन्होंने कहा कि जो भी धान होगा, पुजारी को दे दी जायेगी, लेकिन मंदिर की घेराबंदी नहीं होनी चाहिए.
मामले में नहीं बोलना : पंसस
उत्तरी मऊभंडार की पंचायत समिति सदस्य आद्री दंडपात ने कहा कि इस मामले में उन्हें कुछ भी नहीं बोलना है. उन्होंने कहा कि उनके लिए दोनों पक्ष सामान हैं. इस समस्या का समाधान मुखिया और ग्राम प्रधान के समक्ष दोनों पक्ष को बैठक कर करना चाहिए.
प्रधान से बात हुई है : मुखिया
उत्तरी मऊभंडार के मुखिया हीरा लाल सोरेन ने कहा कि मामले के संबंध में ग्राम प्रधान से बात हुई है. मंगलवार को बैठक कर समस्या का समाधान होगा. ग्राम प्रधान राम सोरेन ने कहा कि दोनों पक्ष से बात हुई है. बैठक कर मामले का समाधान किया जायेगा.