गालूडीह : अंत्योदय और पीएच कार्डधारियों के लिए राशन-केरोसिन की सुविधा गालूडीह के दर्जन भर लोगों के लिए महज मजाक बन कर रह गयी है. चावल और केरोसिन में जितनी राशि लगती है, उसकी आधी राशि भाड़ा में खर्च हो जाता है.
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गालूडीह के लाभुक 10 किमी दूर मऊभंडार से लाते हैं राशन
गालूडीह : अंत्योदय और पीएच कार्डधारियों के लिए राशन-केरोसिन की सुविधा गालूडीह के दर्जन भर लोगों के लिए महज मजाक बन कर रह गयी है. चावल और केरोसिन में जितनी राशि लगती है, उसकी आधी राशि भाड़ा में खर्च हो जाता है. ऐसे में जन वितरण का चावल लेने का क्या फायदा. उक्त बातें गालूडीह […]
ऐसे में जन वितरण का चावल लेने का क्या फायदा. उक्त बातें गालूडीह स्थित महुलिया और जोड़सा पंचायत के राशन कार्डधारियों ने कही. दोनों पंचायत के एक दर्जन से अधिक पीएच कार्डधारियों को जविप्र का चावल और केरोसिन लेने के लिए दस किमी दूर घाटशिला के मऊभंडार स्थित जविप्र दुकानदार राज कुमार अग्रवाल की दुकान जाना पड़ता है. राशन में जितना खर्च होता है उससे कहीं ज्यादा बस और टेंपो का भाड़ा लग जाता है. समय की बर्बादी अलग. इस व्यवस्था से यहां के लाभुक परेशान हो गये हैं.
समय की बर्बादी होती है ग्रामीणों की
कार्डधारियों ने कहा- चावल और केरोसिन में जितनी राशि लगती है, उसकी आधी राशि भाड़ा में खर्च हो जाती है
कई बार की गयी शिकायत फिर भी 10 किमी दूर कार्डधारियाें का कर दिया गया स्थानांतरण
गालूडीह में हैं कई जविप्र दुकान
गालूडीह स्थित महुलिया पंचायत के पीएच कार्डधारी माया विश्वास, सबीता सीट, रीता शर्मा, सोनिया कर्मकार, बुधराय हेंब्रम, जोड़सा पंचायत के इरशाद अली, जोबा महतो, जितेन महतो, प्रदीप महतो, पूर्णिमा गोराई, किरिटी महतो, असगर अली समेत अन्य कई लाभुक हैं, जिन्हें कई माह से जविप्र का राशन लेने के लिए 10 से 12 किमी दूर मऊभंडार जाना पड़ता है. नवंबर में माया विश्वास और रीता शर्मा का राशन कार्ड भी मऊभंडार के जविप्र दुकान में स्थानांतरण कर दिया गया. लाभुकों ने बताया कि पहले सभी को महुलिया के राम प्रसाद अग्रवाल की जविप्र दुकान से राशन मिलता था.
राशन का खर्च 110 रुपये और भाड़ा लग जाता है 40-50 रुपये
महुलिया निवासी पीएच राशन कार्डधारी माया विश्वास ने बताया कि उनके घर में पति नेपा विश्वास, बेटी प्रियंका विश्वास, बेटा सोमानाथ विश्वास हैं. परिवार में चार सदस्य है. पीएच कार्ड में प्रति मेंबर को पांच किलो चावल प्रति माह मिलता है. एक रुपये की दर से बीस किलो चावल मिलता है और 90 रुपये में ढाई लीटर केरोसिन. राशन में कुल 110 रुपये खर्च होते हैं. जबकि राशन लाने मऊभंडार जाने में बस या टेंपो भाड़ा 40 से 50 रुपये खर्च हो जाता है. वहीं कई बार जाने के बाद भी राशन नहीं आया की बात कह कर लौटा दिया जाता है. पति चाय बेचकर गुजारा करते हैं. गरीब लाभुक इस व्यवस्था से परेशान हैं.
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