धालभूमगढ़ : जम्मू-कश्मीर से भटके आठ वर्षीय विजय का धामलभूमगढ़ के माणिकाबेड़ा निवासी धीरेन कर्मकार चार वर्षों से पालन-पोषण कर रहे हैं. चार वर्ष पूर्व धीरेन कर्मकार को विजय एनएच-33 पर लावारिस हालत में मिला था. उसकी स्थिति देख कर उसे घर ले गया.
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4 वर्षों से लावारिस बच्चे काे पाल रहे हैं धीरेन माणिकाबेड़ा
धालभूमगढ़ : जम्मू-कश्मीर से भटके आठ वर्षीय विजय का धामलभूमगढ़ के माणिकाबेड़ा निवासी धीरेन कर्मकार चार वर्षों से पालन-पोषण कर रहे हैं. चार वर्ष पूर्व धीरेन कर्मकार को विजय एनएच-33 पर लावारिस हालत में मिला था. उसकी स्थिति देख कर उसे घर ले गया. उस समय उसकी उम्र करीब चार वर्ष की थी. इधर, धीरेन […]
उस समय उसकी उम्र करीब चार वर्ष की थी.
इधर, धीरेन ने विजय को जम्मू-कश्मीर पहुंचाने के लिए प्रखंड बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष स्वपन महतो से अपील की है. श्री महतो ने बताया कि चार वर्ष पूर्व विजय माणिकाबेड़ा में मिला था. बच्चे का नाम, पता और गांव पूछने पर वह कुछ नहीं बता पाया. इसके बाद धीरेन उसे अपने घर ले गये. घर के दूसरे बच्चों के समान ही उसका लालन-पालन किया. माणिकाबेड़ा प्राथमिक प्राथमिक विद्यालय में उसका नामांकन कराया. फिलहाल विजय 5वीं का छात्र है.
एनएच पर मिला था जम्मू-कश्मीर का विजय
बाल संरक्षण समिति से बच्चे को जम्मू-कश्मीर भेजने की अपील
माणिकाबेड़ा में नहीं रहना चाहता विजय, तीन-चार बार भागने का कर चुका है प्रयास
3-4 बार भागने का कर चुका है प्रयास
विजय कुमार ने तीन से चार बार घर से भागने का प्रयास कर चुका है. एक बार वह टाटा स्टेशन पर मिला. विजय अभी भी मां और पिता का नाम नहीं बता पा रहा है. लेकिन उसने गांव का नाम टेमार, थाना शक्ति, रेलवे स्टेशन कनेटी तो बताया है, लेकिन जिला भूल गया है. राज्य जम्मू-कश्मीर बताता है. विजय कुमार को चाइल्ड लाइन के माध्यम से घर पहुंचाने की अपील की गयी है. वह माणिकाबेड़ा में रहना नहीं चाहता है. वह बार-बार घर जाने की जिद कर रहा है. प्रखंड बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष स्वपन महतो ने बताया कि चाइल्ड लाइन से लगातार संपर्क किया जा रहा है, ताकि उसे घर पहुंचाया जा सके.
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