गालूडीह : बड़ाकुर्शी पंचायत अंतर्गत सातगुड़म नदी किनारे बसा घुटिया सबर बस्ती से सबर विलुप्त हो रहे हैं. उचित खान-पान का अभाव, बीमारी, नशा के कारण सबर काल के गाल में समा रहे हैं. बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं. माताएं विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर मर जा रही हैं. बस्ती के ग्राम प्रधान रवि सबर कहते हैं कि पहले बस्ती में 23 सबर परिवार था.
अब 15 सबर परिवार है. कई परिवार बीमारी से खत्म हो चुके हैं. कई परिवार में माता-पिता की मौत के बाद बच्चे रोजगार के लिए पलायन कर गये हैं. घर पर अब कोई नहीं है. यहां कई इंदिरा आवास खाली पड़े हैं. खाली पड़े आवासों में एमजीएम के सुकलाड़ा-रूहीडीह के कई सबर जनजाति के लोग आकर रह रहे हैं.
जर्जर आवास में प्लास्टिक टांग सबर कर रहे गुजारा
बस्ती में वर्षों पूर्व बने जर्जर इंदिरा आवास में कई सबर परिवार छत पर प्लास्टिक टांग कर जान जोखिम में डाल गुजारा कर रहे हैं. बरसात में भींगी जमीन पर सोते हैं. बस्ती में एक भी बिरसा आवास या प्रधानमंत्री आवास योजना को स्वीकृति नहीं मिली है.
सबर बस्ती का ट्रांसफॉर्मर दो माह से खराब
घुटिया सबर बस्ती के पास लगा ट्रांसफॉर्मर दो माह से खराब पड़ा है. बस्ती में दो माह से बिजली नहीं है. बस्ती का चापाकल चार माह से खराब है. सबर कुएं और सातगुड़म नदी का गंदा पानी पीने को विवश हैं. बस्ती तक पहुंचने का रास्ता नहीं है.