दुमका : झारखंड विकास मोरचा के केंद्रीय प्रधान महासचिव व विधायक प्रदीप यादव ने दुमका के सेंट्रल जेल में अनशन के साथ-साथ मौन व्रत का आंदोलन शुरू कर दिया है. पार्टी सूत्रों ने जेल में उनके द्वारा अनशन किये जाने व मौन व्रत रखने की जानकारी दी है. 5 मार्च को प्रदीप यादव एवं अन्य के खिलाफ अडाणी के पावर प्लांट को लेकर गोड्डा में हुई जन सुनवाई के दौरान पुलिस पर पथराव तथा सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में गोड्डा मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी तथा गायघाट में पावर प्लांट के विरोध में किये गये आमरण अनशन के दौरान 22 अप्रैल को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
श्री यादव को मंगलवार को ही गोड्डा से दुमका सेंट्रल जेल स्थानांतरित किया गया था. सूत्रों के मुताबिक जेल में प्रदीप यादव केवल नींबू-पानी ले रहे हैं.
दुमका जेल में…
उनके अनशन व मौन व्रत के आंदोलन के संबंध में जेल प्रशासन कुछ भी कहने से परहेज कर रहा है.
कहते हैं उपायुक्त : उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने बताया कि सोशल मीडिया पर आ रही खबर पर उन्होंने कारा अधीक्षक से जानकारी ली, तो उन्हें बताया गया कि जेल में बंद प्रदीप यादव ने अनशन या मौन व्रत से संबंधित किसी तरह की सूचना नहीं है. फिर भी एहितयात के तौर पर जेल में डाॅक्टर की टीम उन पर लगातार नजर रख रही है.
पहले भी कहा था, जेल में करेंगे अनशन
उल्लेखनीय है कि गोड्डा के गायघाट में अडाणी के पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण के विरोध में अनशन पर बैठने से ठीक एक दिन पहले 15 अप्रैल को दुमका में किये गये एक प्रेस काॅफ्रेंस में प्रदीप यादव ने एलान किया था कि वारंट रहने की वजह से अनशन के दौरान उन्हें पुलिस गिरफ्तार करती है, तो वे जेल में भी अनशन जारी रखेंगे. हालांकि 22 अप्रैल को जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तो उन्हें स्वास्थ्य कारणों से रांची रिम्स में भरती कराया गया था. वहां से वापस उन्हें गोड्डा लाया गया तथा 9 मई को गोड्डा कोर्ट में पेश करने के बाद दुमका सेंट्रल जेल लाया गया था.
22 अप्रैल को अडाणी पावर प्लांट के विरोध मामले में किये गये थे गिरफ्तार