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बाल विकास में सब मिलकर करें प्रयास

कार्यक्रम . बाल संरक्षण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, अतिथियों ने कहा बाल सरंक्षण व विकास को लेकर दुमका में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों के विकास के लिए लोगों में जागरूकता लाने पर जोर दिया गया. दुमका : सृजन फाउंडेशन, सेतु एवं जागो फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बाल संरक्षण […]

कार्यक्रम . बाल संरक्षण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन, अतिथियों ने कहा

बाल सरंक्षण व विकास को लेकर दुमका में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें बच्चों के विकास के लिए लोगों में जागरूकता लाने पर जोर दिया गया.
दुमका : सृजन फाउंडेशन, सेतु एवं जागो फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बाल संरक्षण के अन्तर्गत के परिवार आधारित देखभाल को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सूचना भवन सभागार में किया गया. कार्यशाला का उदघाटन जिला परिषद‍ के उपाध्यक्ष असीम मंडल, उप निदेशक जनसंपर्क अजय नाथ झा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्रा, गोड्डा के एलपीओ राजेश कुमार तथा दुमका बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमरेंद्र यादव ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया. मुख्य अतिथि असीम मंडल ने कहा कि सबसे जरूरी है कि समाज बच्चों के महत्व को समझे.
उसके लिए समाज में जागरूकता लाने की पहल हो. शहरी क्षेत्र में लोग अपने बच्चों के प्रति काफी जागरूक हो चुके हैं, पर ग्रामीण क्षेत्र ऐसी जागरूकता लाने की जरूरत है. इसके लिए सामाजिक संगठन, पंचायत प्रतिनिधि, बाल कल्याण समिति सबको एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है. आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका व सहिया को इस भूमिका में लाने के साथ साथ उन्हें बाल अधिकार के लिए प्रशिक्षित करना होगा. श्री मंडल ने इस तरह के कार्यशाला का आयोजन प्रखंड स्तर पर करने की बात पर भी जोर दिया. उपनिदेशक जनसंपर्क अजय नाथ झा ने कहा कि यह काफी अहम और संवेदनशील मुद्दा है. बच्चों के लिए काम करने के लिए कमिटमेंट होना चाहिए, तभी हम बच्चों के लिए बेहतर काम कर एक नई कामयाबी हासिल कर सकेंगे. उन्होंने श्रावणी मेला में भटके कई बच्चों को उनके परिवार से मिलाने का हवाला देते हुए कहा कि काम कठिन है लेकिन मन से करने के बाद आत्म संतुष्टि भी उतनी ही होती है. योजना हर आदमी के लिए होता है लेकिन उसका अंतिम मकसद विकास होता है इसलिए बच्चों का विकास जरूरी है. उन्होंने बाल सुधार गृह के प्रतिनिधि से कहा कि आप गृह का ऐसे लोगो से भ्रमण कराये और वहां रहने वाले बच्चों को बताये कि दुनिया इस गृह के बाहर भी है उसे कुछ करने की कला भी सिखायें ताकि वे एक अच्छा नागरिक बन सके. अमरेंद्र यादव ने कहा कि बाल कल्याण समिति के सामने बच्चे तो आते है परंतु उनके पुर्नवास की कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो पाती है. सरकार को इस पर भी सोचना चाहिए. जिले में कुछ स्वयंसेवी संस्था की सूची भी हो जो बच्चों को रखने में सक्षम हो. उन्होंने लोगों से आह‍्वान किया कि दुमका क्षेत्र में यदि कोई ऐसा बच्चा दिख जाय तो बाल कल्याण समिति तक लाने का प्रयास करे समिति उसके लिए काम करेगी. जागो फाउंडेशन के सचिव वैद्यनाथ ने कहा कि ऐसी पहल राज्य के सोलह जिलों में हो रही है, जिसके बाद बाल संरक्षण पर काम करने के लिए एक ठोस रणनीति तय की जाएगी. कार्यशाला को प्रकाश चंद्रा के अलावा मधुर सिंह, संजीव कुमार, फादर सोलोमन, बिटिया मूर्मू, अन्नु, सुलेमान बास्की, अशोक सिंह, सिकंदर मंडल एवं ज्योतिष प्रसाद आदि ने अपना विचार रखा. कार्यक्रम का संचालन सेतु के सचिव कालेश्वर मंडल ने किया. कार्यक्रम में स्वयंसेवी संगठन के प्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि, आंगनबाड़ी सेविका, सहियायें आदि मौजूद थे.

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