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सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के मुद्दे पर सालखन ने कसा तंज, कहा

28 जनवरी को दुमका के एसपी कॉलेज मैदान में जनसभा कर सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोरचा दुमका : आदिवासी सेंगेल अभियान व झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के मुद्दे पर आदिवासियों के लिए आज के दिन सबसे खराब अगर कोई है, तो […]

28 जनवरी को दुमका के एसपी कॉलेज मैदान में जनसभा कर सरकार के खिलाफ खोलेंगे मोरचा

दुमका : आदिवासी सेंगेल अभियान व झारखंड दिशोम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के मुद्दे पर आदिवासियों के लिए आज के दिन सबसे खराब अगर कोई है, तो वह जनजातीय परामर्शदातृ समिति के वे 19 सदस्य हैं, जो आदिवासी समाज से ही आते हैं और आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट से ही चुनकर विधायक बनने के बाद सदन तक पहुंचे हैं, जहां से इन दोनों ही कानूनों में संशोधन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है.
दुमका परिसदन में पत्रकारों से बातचीत में श्री मुर्मू ने कहा कि जनजातीय परामर्शदातृ समिति ही अगर इस प्रस्ताव पर मुहर नहीं लगाती, तो यह विधानसभा तक पहुंच भी नहीं पाता. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्रित्व काल में ही इन कानूनों में संशोधन की पहल हुई थी, जिसे रघुवर सरकार ने आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने झामुमो का सदैव साथ दिया, लेकिन झामुमो ने जो किया, वह संदेह पैदा करने वाला है. उनके विधायकों को चाहिए कि वे इस्तीफा देकर आदिवासियों का कर्ज चुकायें और आदिवासी समाज को बचाने की पहल करें.
शिबू सोरेन ने 1996 में की थी वकालत
श्री मुर्मू ने कहा कि 1996 में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन भी काश्तकारी कानून में संशोधन की वकालत की थी. उस वक्त इंदर सिंह नामधारी ने इसका विरोध भी किया था. बाद में हेमंत सोरेन ने खुद अपनी अध्यक्षता वाली टीएसी की बैठक में संशोधन की पहल की. बाबूलाल मरांडी भी ऐसी बात पहले कह चुके हैं. श्री मुर्मू ने कहा कि विपक्ष का काम जूता फेंकना या सदन का बहिष्कार करना नहीं, सरकार की गलत नीतियों का डटकर विरोध करना है, पर ये नेता ऐसा कर नहीं रहे.
सभी एमएलए पर कसेंगे शिकंजा
सालखन मुर्मू ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान के तहत व छात्र समन्वय समिति के साथ मिलकर सभी 28 आदिवासी एमएलए के उपर शिकंजा कसने का काम 28 जनवरी को दुमका के एसपी कॉलेज मैदान में एक बड़ी जनसभा आयोजित कर किया जायेगा. इस जनसभा के जरिये आदिवासी समाज जन दवाब और 28 आदिवासी एमएलए के सहयोग से रघुवर सरकार को अगले तीन महीने में गिराने की भी कोशिश की जायेगी. श्री मुर्मू ने बताया कि इस सभा को लेकर पूरे संताल परगना के विभिन्न जिलों में दौरा व छोटी जनसभाएं होंगी. 16 को जामताड़ा, 17 को देवघर, 18 को गोड‍्डा, 19 को साहेबगंज, 20 को पाकुड़ तथा 21 को दुमका जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ये जनसभाएं होगी.
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