एसपीटी-सीएनटी एक्ट में संशोधन व घोषित स्थानीय नीति के खिलाफ सेमिनार आयोजित
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संशोधन को लेकर दबाव बनाने पर जोर
एसपीटी-सीएनटी एक्ट में संशोधन व घोषित स्थानीय नीति के खिलाफ सेमिनार आयोजित संशोधन से होने वाले नुकसान से अवगत कराया दुमका : विभिन्न संगठनों द्वारा जोहार सभागार में एसपीटी-सीएनटी एक्ट में हुए संशोधन और दोषपूर्ण स्थानीय नीति को लेकर एक दिवसीय सेमिनार शनिवार को आयोजित किया गया. जिसमें रैयत, ग्राम प्रधान, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्त्ता, किसान, […]
संशोधन से होने वाले नुकसान से अवगत कराया
दुमका : विभिन्न संगठनों द्वारा जोहार सभागार में एसपीटी-सीएनटी एक्ट में हुए संशोधन और दोषपूर्ण स्थानीय नीति को लेकर एक दिवसीय सेमिनार शनिवार को आयोजित किया गया. जिसमें रैयत, ग्राम प्रधान, बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्त्ता, किसान, महिला, युवा, मजदूर आदि शामिल हुए. अधिवक्ता सामुएल सोरेन ने सरकार द्वारा एसपीटी-सीएनटी एक्ट में संशोधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा संशोधन से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी बताया. एहतेशाम अहमद ने कहा कि पूर्व में ही इस एक्ट का उल्लंघन कर हजारों एकड़ जमीन का अवैध हस्तांतरण हो चुका है. ऐसी जमीन की वापसी के लिए विधायकों ने कभी भी विधान सभा में आवाज नहीं उठायी. हानुक हांसदा ने कहा कि सरकार पर दबाव बनाने की आवश्यता है.
सुभाष हेम्ब्रम ने मोरचा के लिय संयुक्त संघर्ष मोरचा बनाने का आह्वान किया. सर्वसम्मति से संताल परगना रैयत संघर्ष मोरचा का गठन किया गया, जो दोनों एक्ट में संशोधन और वर्तमान स्थानीय नीति के विरोध में पूरे संताल परगना के गांव-गांव में जाकर आंदोलन को तेज करेगी. बैठक में पीटर हेम्ब्रम, ईजे सोरेन,सतीश सोरेन, सरवेन सोरेन, दुखु मुर्मू, बुधराय हेम्ब्रम, बुदिनाथ बेसरा, पीके हेम्ब्रम, सीताराम सोरेन आदि ने अपने विचार रखे.
सेमिनार को संबोधित करते वक्ता व उपस्थित लोग.
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