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पगडंडी के सहारे आवागमन को मजबूर कांसीटोलावासी

स्कूली बच्चों को आवागमन में हो रही परेशानी सड़क निर्माण के प्रति प्रशासन व जनप्रतिनिधि मजबूर फतेहपुर : भले ही देश डिजीटल युग की ओर बढ़ रहा हो. लेकिन फतेहपुर प्रखंड के अंबाबांक गांव से कांसीटोला तक जाने की सड़क आज तक नहीं बन पायी है. लिहाजा ग्रामीण एक अदद सड़क के लिए तरस रहे […]

स्कूली बच्चों को आवागमन में हो रही परेशानी

सड़क निर्माण के प्रति प्रशासन व जनप्रतिनिधि मजबूर
फतेहपुर : भले ही देश डिजीटल युग की ओर बढ़ रहा हो. लेकिन फतेहपुर प्रखंड के अंबाबांक गांव से कांसीटोला तक जाने की सड़क आज तक नहीं बन पायी है. लिहाजा ग्रामीण एक अदद सड़क के लिए तरस रहे हैं. टोले का दुर्भाग्य है कि किसी भी ओर से यहां आने जाने का रास्ता ही नहीं है. ऐसे में इस टोले की सुध न तो अधिकारी लेते हैं न ही जनप्रतिनिधि.
क्या कहते हैं ग्रामीण
गांव चार टोले में बंटा है. जिसमे गादीटोला- सिंहटोला और अंबाबांक तक पहुंचने के लिए सड़क है, लेकिन कांसीटोला आने-जाने के लिए या तो मैदान का सहारा लेना पड़ता है या पगडंडी का.
सुभाष मुर्मू, ग्रामीण, अंबाबांक
गोविंदपुर-साहिबगंज मुख्य पथ होकर टोला पहुंचने का एकमात्र माध्यम मैदान है. जबकि अंबाबांक स्कूल जाने के लिए छात्र-छात्राएं पगडंडी के सहारे पहुंचते हैं.
दशरथ मुर्मू, ग्रामीण
सड़क नहीं बनने के कारण छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल आने जाने के लिए पगडंडी का उपयोग करना पड़ता है.
गिरीधारी मरांडी, ग्रामीण
एक साल से ट्रांसफॉर्मर खराब है. टोला सालभर से अंधेरा में है. लेकिन इस ओर न तो विभाग का ध्यान है न ही जनप्रतिनिधियों का.
मनोज मरांडी, ग्रामीण
लगभग दौ सौ की आबादी वाले इस टोले में पांच में तीन चापानल खराब है. जिससे पेयजल संकट बरकरार है.
नुनूलाल किस्कू, ग्रामीण

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