दुमका : आदिवासी अधिकार मंच के बैनर तले जामा के भुटोकोड़िया पंचायत के मोर दुधानी गांव में ग्रामीणों संग एक बैठक की गयी, जिसमें संतालपरगना काश्तकारी अधिनियम एवं छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम में सरकार द्वारा किये जाने वाले संशोधन के प्रस्ताव का विरोध किया गया. मंच के अध्यक्ष रसका टुडू ने कहा कि राज्य के आदिवासी-मूलवासी एसपीटी-सीएनटी का विरोध करते रहेंगे.
उक्त दोनो ही कानून यहां के लोगों के अस्तित्व एवं अस्मिता से जुड़ा हुआ है. सचिव पीटर हेंब्रम ने कहा कि संताल परगना के रैयत ऐसे संशोधन को बर्दाश्त नहीं करेंगे. हरि हेंब्रम ने कहा कि बड़े पैमाने पर खतियान में छेड़छाड़ किया जा रहा है, जिसे सामने लाने और उसका प्रतिवाद करने की जरुरत है. प्रमंडली अध्यक्ष सुभाष हेंब्रम ने जमीन की सुरक्षा करने का आह्वान करते हुए कहा कि इन कानूनों में संशोधन की नहीं सख्ती से लागू किये जाने की जरुरत है. उन्होंने अवैध तरीके से हड़पी गयी जमीन के वापसी के लिए कानून बनाने की मांग की.
अधिवक्ता सामुएल सोरेन ने इन कानूनों में संशोधन का विरोध करने के लिए एकजुट होने की अपील की. बैठक में लुबीन टुडू, सुनील टुडू, जियालाल टुडू, शिवधन टुडू, मुन्ना टुडू, प्रदीप टुडू, मंत्री टुडू, प्रकाश सोरेन, शिरिल बास्की, सोनामुनी हेंब्रम, फूलमुनी मरांडी, शर्मिला मुर्मू, श्रीजल टुडू आदि मौजूद थे.