खतरे के निशान से मात्र आठ फीट नीचे मसानजोर का जलस्तर
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डैम के खोले गये पांच गेट
खतरे के निशान से मात्र आठ फीट नीचे मसानजोर का जलस्तर रानीश्वर : मसानजोर डैम का जलस्तर कम करने के लिए डैम का पांच फाटक खोल कर डैम का पानी मयुराक्षी नदी में छोड़ा जा रहा है. साथ ही मसानजोर स्थित पन बिजली केंद्र के दोनों यूनिट चालू कर दिया गया है. शुक्रवार की देर […]
रानीश्वर : मसानजोर डैम का जलस्तर कम करने के लिए डैम का पांच फाटक खोल कर डैम का पानी मयुराक्षी नदी में छोड़ा जा रहा है. साथ ही मसानजोर स्थित पन बिजली केंद्र के दोनों यूनिट चालू कर दिया गया है. शुक्रवार की देर शाम डैम का पांच गेट खोला गया. डैम के तीन फ्लड गेट व नीचे के दो स्लुइस गेट खोल कर पानी निकाला जा रहा है. शुक्रवार की सुबह 8.00 बजे डैम का जलस्तर 390.50 फीट पर था. शनिवार की सुबह घटकर 390.05 फीट तक पहुंच चुका है. कई दिनों तक हुई भारी बारिश से डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. डैम का जलस्तर खतरे के निशान से अभी भी आठ फीट नीचे है.
मसानजोर डैम में खतरे का निशान 398 फीट पर है. बताया जाता है कि डैम का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से दुमका शहरी क्षेत्र तक पानी पहुंच जाता है. इसलिए डैम प्रबंधन पहले से ही डैम का जलस्तर नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से पानी नदी में छोड़ रहा है. उधर पन बिजली केंद्र के दो यूनिट के लिए पानी छोड़े जाने से बिजली उत्पादन भी शुरू हो गया है. पन बिजली केंद्र पर दो यूनिट से चार मेगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता है. पन बिजली केंद्र से उत्पादित बिजली पश्चिम बंगाल के सिउड़ी शहर को आपूर्ति की जाती है.
उल्लेखनीय कि मसानजोर पन बिजली केंद्र से अविभाजित बिहार के समय दुमका व रानीश्वर प्रखंड क्षेत्र को बिजली मिलती थी. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद राज्य सरकार इन पन बिजली केंद्र से बिजली लेने का पहल शुरू नहीं किये जाने से स्थानीय लोगों को मसानजोर पन बिजली केंद्र से बिजली नहीं मिल रही है.
भारी बारिश की वजह से डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा
पनबिजली केंद्र को भी छोड़ा जा रहा पानी
लगातार हो रही बारिश से बढ़ा जलस्तर
पन बिजली केंद्र के दोनों यूनिट काे किया गया चालू
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