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एसकेएमयू में वीसी कमर अहसन ने कार्यकाल के दो साल किये पूरे

दुमका : सिदो कान्हू मुर्मू विवि के कुलपति प्रो कमर अहसन ने अपने कार्यकाल के दो साल सोमवार को पूरे किये. 24 साल पुराने इस विवि के लिए इनका दो साल कई मायने में ऐतिहासिक माना जा रहा है. खासकर तब, जब यह विश्वविद्यालय का रजत जयंती वर्ष मना रहा है और इतने लंबे अंतराल […]

दुमका : सिदो कान्हू मुर्मू विवि के कुलपति प्रो कमर अहसन ने अपने कार्यकाल के दो साल सोमवार को पूरे किये. 24 साल पुराने इस विवि के लिए इनका दो साल कई मायने में ऐतिहासिक माना जा रहा है. खासकर तब, जब यह विश्वविद्यालय का रजत जयंती वर्ष मना रहा है और इतने लंबे अंतराल के बाद अपने कैंपस में यह खुली सांसें ले रहा है. संताल अकादमी के चंद कमरों में चलने वाले इस विश्वविद्यालय के चार स्नातकोत्तर विभाग भी इसी नये कैंपस में चल रहा है.

पांच और विभाग भी कुछ दिनों में यहां स्थानांतरित हो जायेंगे. शीघ्र ही अन्य शैक्षिक संकायों के कार्य विश्विद्यालय के मुख्य परिसर से संचालित होंगें. बायोमेट्रिक व्यवस्था से शिक्षको की उपस्थिति भी सुनिश्चित करायी जा रही है. खेल के विकास में भी विवि ने पहली बार इतना ध्यान दिया.

चांसलर कप की सफलतापूर्वक मेजबानी की तथा जीत भी हासिल किया. यहां की टीम फुटबॉल और बैडमिंटन में चैंपियन रही.एथलेटिक्स, तीरंदाजी एवं अन्य प्रतियोगिताओं में भी यहां के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. एनएसएस को पुनर्जीवित कराने और उसकी गतिविधियों को बढ़ावा देने का ही परिणाम रहा कि इसके स्वयंसेवक ने राष्ट्रीय पहचान बनायी.

सत्र की लेट-लतीफी रही चुनौती
दो से तीन साल लेट चल रहे सत्र अब नियमित हो रहे हैं. यह इस विश्वविद्यालय के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी. परीक्षा प्रणाली में सुधार से भी बहिष्कार एवं पुर्नपरीक्षा से निजात मिला है. मूल्यांकन व्यवस्था में बदलाव कर पैरवी जैसे बीमारी पर काबू किया गया है.
सीधा संवाद से सुलझाये मामले
विवि ग्रीवांश रेड्रेसल सेल के माध्यम से शिक्षक, कर्मचारी छात्र एवं महिलाओं की समस्याओ को सुन उनका त्वरित निष्पादन कर रही है. शुरू में यह व्यवस्था सिर्फ शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों के लिए थी, किन्तु इसकी सफलता से उत्साहित होकर अब इसे छात्रों और महिलाओं के लिए भी शुरू किया गया है. कैंपस में विधि व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए सख्त कदम भी उठाये गये हैं.
मेधा पलायन रुका
छात्रों की संख्या बढ़ी
संताल परगना के इस इकलौते विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र से मेधा का पलायन को पिछले दो-तीन सालों में विराम लगाने का प्रयास किया है. उच्च शिक्षा में ग्रॉस इनरॉलमेंट रेशियो में वृद्धि हुई है. समेकित शिक्षा और उसकी पहुंच बढाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए साहेबगंज और पाकुड़ में महिला कॉलेज खोले गए हैं. पोड़ैयाहाट और पालोजोरी में एक एक मॉडल कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिसमें अगले सत्र से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाने की उम्मीद है.
शोध को भी मिला बढ़ावा लंबे अरसे बाद हुआ टेस्ट
विवि नियमित रूप से सेमिनार और व्याख्यान का आयोजन कर रही है. जिसमें देश के विभिन्न हिस्से से लोग आ रहे है. शोध कार्य को बढ़ावा दिया गया है. विवि अगले माह अपना शोध जर्नल प्रकाशित कर रही है. इसके पूर्व न्यूज़ लेटर का प्रकाशन कर विवि छात्रों एवं शिक्षकों से सीधा संवाद कर रही है. कई गंभीर और समाजोपयोगी विषयों पर विशेषज्ञों के द्वारा लोकप्रिय व्याख्यानों का आयोजन कराया जा रहा है.

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