लोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं मगर इसके इतर आशान्वित भी हैं कि जल्द ही उनकी दिक्कतों का ये दौर खत्म हो जायेगा. वे सरकार से उम्मीदें बांधे बैठे हैं.
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प्रभात खबर आपके द्वार. राजबांध के ग्रामीणों ने साझा की समस्याएं, कहा
लोग विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं मगर इसके इतर आशान्वित भी हैं कि जल्द ही उनकी दिक्कतों का ये दौर खत्म हो जायेगा. वे सरकार से उम्मीदें बांधे बैठे हैं. शिकारीपाड़ा : प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम शुक्रवार को प्रखंड के राजबांध गांव मे चलाया गया. कार्यक्रम में ग्रामीण एकजुट हुए और […]
शिकारीपाड़ा : प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम शुक्रवार को प्रखंड के राजबांध गांव मे चलाया गया. कार्यक्रम में ग्रामीण एकजुट हुए और प्रभात खबर की टीम के साथ गांव की समस्याएं साझा की. इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. गांव में बिजली, सड़क व पानी की समस्या गंभीर बनी हुई है, लेकिन अब तक इसके निराकरण के लिए कोई पहल नहीं हो पायी है.
पेयजल के कोई ठोस कदम नहीं उठाने से गर्मी के में पेयजल की किल्लत हो गयी है. गांव के अधिकांश चापाकल खराब पड़े हैं और जो ठीक हैं उससे कम पानी निकल रहा है. सिंचाई के लिए कैराबनी डैम से नहर बना हुआ है, लेकिन कई वर्षों से जलापूर्ति ठप है. जिससे राजबांध गांव से सटे पर्वतपुर, पलासी, जोगीखोप, जामकांदर आसना में सिंचाई के अभाव में किसान जमीन रहते खेती नहीं कर पा रहे हैं. इन गांव में अधिकांश परिवार कृषि पर निर्भर है, ऐसे मे डेढ़ दशक से नहर में पानी नहीं पहुंचना, दुर्भाग्यपूर्ण है. लिहाजा किसान रबी फसल की खेती नहीं कर पा रहे हैं.
शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था लचर
कार्यक्रम में ग्रामीणों ने बताया कि गांव मेें शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था भी लचर हो गयी है. यहां उच्च विद्यालय नहीं है, जिससे उच्च शिक्षा प्राप्त करने में खासकर छात्राओं को काफी परेशानी होती है और वे मैट्रिक तक पढ़ाई पूरी नहीं कर पाती हैं. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन चिकित्सक नहीं रहने से यह शोभा की वस्तु बनी हुई है. इन समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने विभाग से शिकायत भी की है, लेकिन स्थिति ढाक के तीन पात.
कहते हैं ग्रामीण
‘गांव में 15 वर्षों से कैराबनी डैम से सिंचाई की सुविधा नहीं मिल रही है, जिससे यहां के किसान मजदूरी करने को विवश हैं. कैराबनी डैम को मसानजोर (कनाडा) डैम से जोड़ कर सिंचाई व्यवस्था बहाल हो सकती है.’
‘गांव में कुछ लोगों को शौचालय मिला है, जबकि जरूरतमंदों को नहीं. इस ओर विभाग और गांव के जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए, ताकि यह गांव भी खुले में शौच मुक्त हो सके.’
– नयनतारा मंडल
‘गांव में पेयजल व सिंचाई की सुविधा नही है. गांव का 10 में से सात चापानल खराब है तथा नहर भी 15 वर्षों से बंद पड़ा है. जिससे पानी लाने में कठिनाई हो रही है.’
– राजीव लोचन साव, ग्राम प्रधान
‘गांव में सिंचाई की सुविधा बहाल कर, किसानों के पलायन पर रोक लगाया जा सकता है. गांव में नव निर्मित सड़क के किनारे नाले का निर्माण करायी जाय, ताकि बरसात का पानी लोगों के घरों में ना घुसे
– उज्ज्वल मंडल
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