दुमका : राजकीय जनजातीय हिजला मेला 2016 का समापन शुक्रवार को होगा. समापन समारोह का मुख्य आकर्षण घड़ा उतारने की पारंपरिक प्रतियोगिता होगी, जो हंसी के फ व्वारा के नाम से भी प्रसिद्ध है. गुरुवार को सांस्कृतिक समिति द्वारा बाहरी कलामंच भीतरी कलामंच तथा बाहरी मैदान में कई प्रकार के गीत संगीत, नाटक, नृत्य, विभिन्न विषयक परिचर्चा आदि कार्यक्रम आयोजित किये गये.
जनसंस्कृति लोक कला और संस्कृति शांतिनिकेतन पंश्चिम बंगाल तथा आदिवासी डेवलपमेंट नेटवर्क चेरिटेबल ट्रस्ट रांची के कलाकारों द्वारा मणिपुरी नृत्य, माईवी नृत्य, लाईमा नृत्य, दशावतार, रविन्द्र नृत्य, कृष्ण रूप लीला, बसंत रास आदि नृत्य प्रस्तुत किये गये. सुनिता देवी, डॉ सुमितु, कुमारी पिंकी गुप्ता, प्रार्थना माल, देवोपमा मुखर्जी, उर्मिला गुप्ता, प्रिया मंडल, सुतानु सरकार, सुरजीत देव वर्मा, जनमय पाल, नवेन्दु किरण, देवनाथ आदि ने बेहतरीन प्रस्तुति से देर रात तक दर्शकों को बांधे रखा. इशराज के तबला की युगलबंदी देखने लायक थी.