लाखों के बने भवन पर लटका रहा ताला विद्यालय, आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्र भवन एक साल से बनकर है तैयार प्रतिनिधि, मसलियाएक ओर जहां सरकार शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास करने तथा सभी गांव कस्बों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. बच्चों को नियमित स्कूल भेजने के लिए तरह-तरह के अभियान भी चला रही है, ताकि लोग जागरूक होकर बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करें, लेकिन कुछ गांव अब भी ऐसे हैं, जहां अब भी सरकार की योजनाएं व अभियान धरातल पर नहीं उतर रही है और बच्चे मुख्यधारा से नहीं जुड़ पा रहे हैं. ऐसा ही हाल है मसलिया का जहां सरकारी लागत पर नये नये विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र एवं स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया गया है, लेकिन अब भी उपयोगिता के अभाव में बेकार पड़ा है. उत्क्रमित उच्च विद्यालय पिंडारी का नया भवन बनकर एक साल पहले पूरा हो गया है, लेकिन उपयोगिता के अभाव में बेकार पड़ा है. कारण भवन निर्माण कार्य के संवेदक द्वारा स्कूल के नये भवन को हैंडओवर नहीं किया गया है. पिंडारी मध्य विद्यालय को वर्ष 2011-12 में उच्च विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है. उसी समय से यहां उच्च विद्यालय के लिए कक्षाएं मध्य विद्यालय के भवन में ही संचालित हो रही है. पिंडारी स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक सह सचिव अर्जुन कुमार पंडित ने बताया कि एक साल पहले उच्च विद्यालय के लिए भवन बनाया गया है. यह भवन जिला परिषद के विभागीय कनीय अभियंता नागेंद्र प्रसाद सिंह के नाम पर 42 लाख 78 हजार रुपये की लागत पर एकरानामा हुआ है. संवेदक के द्वारा अभी तक नये भवन को हैंडओवर नहीं किये जाने की वजह से बच्चों का पठन पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है. यहां मध्य विद्यालय के लिए 309 तथा उच्च विद्यालय के 196 छात्र-छात्राएं है. नये भवन को उपयोग में लाने से वर्ग संचालन में सुविधा होगी. लताबड़ स्वास्थ्य उपकेंद्र का नहीं मिल रहा लाभ इधर प्रखंड के आदर्श पंचायत रांगा के लताबड़ गांव में निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्र का नया भवन हाथी का दांत बनकर रह गया है. मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य उपकेंद्र का दो मंजिला नया भवन बनकर करीब छह महीने पहले ही तैयार हो गया है. लेकिन इस भवन से यहां के लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि केंद्र की एएनएम एवं स्वास्थ्य कर्मी भवन के अभाव में जहां तहां बैठकर अपना कार्य कर रहे हैं. इससे किसी भी लोगों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि एएनएम गांव में किस समय आती है और कब जाती हैं यह मरीजों को पता नहीं चलता है. दो मंजिला स्वास्थ्य केंद्र के भवन में बैठकर एएनएम कार्य करेगी तो लोगों को सारी सुविधा मिलेगी. ग्रामीणों ने दो मंजिले स्वास्थ्य उपकेंद्र को चालू कराने की मांग उपायुक्त से की है. पेड़ के नीचे पढ़ते है बच्चेंआंगनबाड़ी केंद्र जोगीडीह का नया भवन शोभा की वस्तु बनी है. नये भवन के बनकर तैयार रहने के बावजूद बच्चों का पठन-पाठन पेड़ के नीचे संचालित हो रहा है. छह महीने पूर्व यहां क्रियान्यन एंजेसी द्वारा करीब 6 लाख रुपये की लगत पर भवन निर्माण का कार्य पूरा किया गया है. लेकिन आज तक भवन विभाग को सुपुर्द नहीं किया गया है. जिससे कक्षाएं एवं केंद्र बरगद के एक पेड़ के नीचे संचालित हो रही है. आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित 27 बच्चों के लिए पेड़ के नीचे प्री नर्सरी स्कूल का संचालन हो रहा है. आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका बिटीया मुरमू ने बताया कि खुले आसमान के नीचे प्री नर्सरी स्कूल के बच्चों को पठन-पाठन में काफी परेशानी होती है. …………………………..फोटो3 मसलिया 1, 2 व 31. बेकार पड़ा उच्च विद्यालय पिंडारी का नया भवन लागत 42 लाख2. लताबड गांव में बनाकर तैयार स्वास्थ्य उपकेंद्र. लागत 23 लाख3. आंगनबाड़ी का तैयार नया भवन. लागत 06 लाख ………………………….
BREAKING NEWS
????? ?? ??? ??? ?? ???? ??? ????
लाखों के बने भवन पर लटका रहा ताला विद्यालय, आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्र भवन एक साल से बनकर है तैयार प्रतिनिधि, मसलियाएक ओर जहां सरकार शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास करने तथा सभी गांव कस्बों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. बच्चों को नियमित स्कूल […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement