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घड़ा उतारने की प्रतियोेगिता में छूटता रहा हंसी का फव्वारा
दुमका : दुर्गापूजा के अवसर पर यज्ञ मैदान में लगा मेला घड़ा उतारने की प्रतियोगिता के साथ संपन्न हो गया. हालांकि किसी भी टीम को घड़ा उतारने में सफलता नहीं मिली. इस प्रतियोगिता में कुल पंद्रह टीमों ने भाग लिया था. ग्रीस लगे लगभग चालीस फीट उंचे खंभे से पीतल के घड़े तक कुछ टीमें […]
दुमका : दुर्गापूजा के अवसर पर यज्ञ मैदान में लगा मेला घड़ा उतारने की प्रतियोगिता के साथ संपन्न हो गया. हालांकि किसी भी टीम को घड़ा उतारने में सफलता नहीं मिली. इस प्रतियोगिता में कुल पंद्रह टीमों ने भाग लिया था.
ग्रीस लगे लगभग चालीस फीट उंचे खंभे से पीतल के घड़े तक कुछ टीमें पहुंची जरूर, पर उसे उतार पाने में वे विफल रहीं. सबसे बेहतर प्रयास करने वाली रविंद्र कुमार के नेतृत्व वाली सरायखाना की टीम को निर्णायक मंडली ने पुरस्कार देने की घोषणा कर दी.
हंसी का फ व्वारा नाम से विख्यात घड़ा उतारो प्रतिस्पर्धा को देखने के लिए भी खूब भीड़ जुटी थी. प्रतिस्पर्धा में इस साल भी लकड़ी के उंचे स्तंभ में ग्रीस लगा कर खंभे को फिसलनदार बनाया गया था तथा इसके शीर्ष पर पीतल का कलश टांगा गया था. गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में दही-हांडी की तर्ज पर संताल बहुल इलाके के इस लोक प्रिय इस खेल का आनंद यहां के लोग खूब उठाते हैं.
प्रतिस्पर्धा में अलग-अलग टीमो ने हिस्सा लिया और बारी-बारी से खंभे पर चढ़ कर कलश उतारने का प्रयास का प्रयास कियौं. घड़ा उतारने की कोशिश और बार-बार फिसल कर टीम के खिलाडि़यों के बिखरने का आनंद उठाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र से भी लोग बाल-बच्चों सहित यज्ञ मैदान पहुंचे थे. इस मौके पर डीसी राहुल कुमार सिन्हा, एसपी विपुल शुक्ला एवं नगर परिषद् की अध्यक्षा अमिता रक्षित मौजूद थीं.
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