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पीएलएफआई का फर्जी जोनल कमांडर बनकर मांगी थी रंगदारी
दुमका : रांची में रजिस्टर्ड पोस्ट भेजकर कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो से रंगदारी मांगे जाने के बाद जब रांची के लोअर बाजार पुलिस तक शिकायत पहुंची थी, तब से ही इस हाइप्रोफाइल मामले में राज्य की पुलिस अनुसंधान में जुटी हुई थी. अमित नाम के उस व्यक्ति से भी रांची पुलिस ने पूछताछ की थी, […]
दुमका : रांची में रजिस्टर्ड पोस्ट भेजकर कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो से रंगदारी मांगे जाने के बाद जब रांची के लोअर बाजार पुलिस तक शिकायत पहुंची थी, तब से ही इस हाइप्रोफाइल मामले में राज्य की पुलिस अनुसंधान में जुटी हुई थी. अमित नाम के उस व्यक्ति से भी रांची पुलिस ने पूछताछ की थी,
जिसका नाम पत्र में लिखा हुआ था. जब दुमका में भी विशप जुलियस मरांडी, व्यवसायी महेश दारुका एवं नगर पर्षद अध्यक्षा अमिता रक्षित को भी पीएलएफआइ संगठन के जोनल एरिया कमांडर माइकल राज कुजूर के नाम से भेजा गया हू ब हू पत्र मिला, तो दुमका पुलिस ने मामला दर्ज कर पड़ताल करना शुरु किया. पुलिस ने जब अमित के बारे में जानकारी जुटायी, तो उसका किसी तरह का आपराधिक इतिहास नहीं निकला. न ही किसी नक्सली संगठन से उसका संपर्क पाया गया. बाद में जब पुलिस ने उससे किसी और से किसी बात को लेकर रंजिश से संबंधित जानकारी जुटाई, तो रानीश्वर प्रखंड के आसनबनी के रहने वाले गौर दत्ता के बेटे देवेश दत्ता का नाम सामने आया.
देवेश ने सिउड़ी में खरीदी थी जमीन
देवेश ने बताया कि सिउड़ी में उसने तीन कट्ठा जमीन खरीदी थी. बाद में पता चला कि डेढ़ कट्ठा जमीन हाइवे पहले ही अधिग्रहित कर चुकी है. ऐसे में उसने डेढ़ कट्ठा जमीन की कीमत वापस करने की मांग जमीन के दलालों से की
उसके मुताबिक इस मामले में अमित से उसकी लड़ाई शुरु हो गयी. अमित वहां तृणमूल का कार्यकर्ता है. अमित के द्वारा अड़ंगा लगाये जाने की वजह से ही उसे पैसे वापस नहीं मिल सके थे, जिसके बाद से वह उससे बदला लेने की ठान चुका था.
चूंकि देवेश दुमका कैथोलिक डायसिस में आता जाता रहता था. इसलिए वह कार्डिनल जैसे हाई प्रोफाइल शख्सियत का पता आसानी से निकाल लिया और रंगदारी मांगने वाला पत्र लिखकर सिउड़ी से पोस्ट कर दिया और नाम फंसाने के लिए अमित का नंबर भी डाल दिया. मीडियाकर्मियों के सामने देवेश ने चिट्ठी लिखवाने वाले के रुप में जमीन दलाल सपन चटर्जी का भी नाम लिया है.
मिलाई गयी लिखावट, चारों पत्र उसी ने लिखे
एसपी अनूप टी मैथ्यू ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने चारो पत्रों की लिखावट एक ही पायी. जब देवेश दत्ता के लिखावट से उसका मिलान किया गया, तो वह उसका ही लिखावट साबित हो गया. फंसते देख उसने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया और यह भी कह दिया कि रंजिश की वजह से ही उसने अमित कां फंसाने के लिए ऐसा किया था. रंगदारी मांगना उसका इरादा नहीं था. बता दें कि व्यवसायी महेश दारुका को भेजे गये पत्र में उनके भाई विष्णु दारुका को जान से मारने की तथा नगर पर्षद अध्यक्षा को पैसा नहीं देने पर पाकुड़ एसपी की तरह मार दिये जाने की धमकी दी थी.
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