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मोड़े मांझी ने लगाया 15 हजार रुपये का जुर्माना
दुमका : शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पातपहाड़ी गांव में जमीन विवाद को लेकर बुलायी गयी मोड़े मांझी के बैठक में बैठक को बुलानेवाले संग्राम मरांडी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उसके विपक्ष में फैसला सुनाया है. बैठक में सौतेले भाई लुखीराम को मान्यता दी गयी है. अब पिता द्वारा दिये गये वसीयत […]
दुमका : शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पातपहाड़ी गांव में जमीन विवाद को लेकर बुलायी गयी मोड़े मांझी के बैठक में बैठक को बुलानेवाले संग्राम मरांडी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उसके विपक्ष में फैसला सुनाया है. बैठक में सौतेले भाई लुखीराम को मान्यता दी गयी है.
अब पिता द्वारा दिये गये वसीयत के अनुसार उसे भी जमीन का हिस्सा दिया जायेगा. बता दें कि शनिवार को ग्राम प्रधान जॉन सोरेन के अध्यक्षता में शुरू हुए मोड़े मांझी की बैठक में दोनों पक्षों के दावों पर विस्तार से चर्चा की गयी. मोड़े मांझी की यह बैठक संग्राम मरांडी ने बुलायी थी और वह अपने सौतेले भाई लुखीराम को भाई मानने से इनकार कर रहा था.
मामला पातपहाड़ी के 12 बीघा जमीन से संबंधित है. संग्राम मरांडी का कहना था कि उसके पिता रसका मरांडी ने दो शादियां की थी, जिसमें से दूसरी पत्नी से उन्हें कोई संतान नहीं हुआ बल्कि सौतेली मां का दूसरी शादी से पहले का बेटा लुखीराम मरांडी है, जिसे संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिये. उसका कहना था कि पिता ने मरने से पहले उससे यह बात कान में कही थी.
वहीं लुखीराम का कहना है कि 15 साल पहले पिता ने जीवित रहने के दौरान ही दोनों भाइयों के बीच जमीन का बंटवारा कर दिया था. संग्राम की बहन की मौत हो चुकी है. उसके बहनोई का भी कहना है कि लुखीराम को रसका मराण्डी ने जमीन में हिस्सा दिया था. मोड़े मांझी ने संग्राम मरांडी के दावे को खारिज कर दिया है.
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