बासुकिनाथ : सुल्तानगंज उत्तरवाहिणी गंगा से पवित्र जल भरकर कांवरिया पैदल बोल बम महामंत्र के उदघोष के साथ देवघर फिर बासुकिनाथ धाम तक की यात्र पूरी करते हैं. बोल बम का पवित्र महामंत्र के उदघोष से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.
बम–बम का यह पवित्र शब्द महादेव को अतिप्रिय है. इस महामंत्र के सारतत्व में ब्रह्म, विष्णु व महेश के बीज स्वरूप तत्व मौजूद हैं. जिनके उच्चरण मात्र से ही त्रिदेवों की कृपा प्राप्त होने लगती है. शास्त्रों में कहा गया है कि शिव नाम के जाप से बढ़कर पापक्षय और परमगति के लिए दूसरा कोई सुलभ रास्ता नहीं है. भगवान शिव के नाम का जाप संसार रूपी सागर को पार करने का सर्वोतम उपाय माना गया है. शिव नाम के जाप से पूर्व काल में महापापी राजा इंद्रद्युम्न ने परमगति को प्राप्त किया था.
शिवनाम के प्रभाव से ही पापी ब्राह्मणी का उद्धार हुआ और उसे शिवत्व की प्राप्ति हुई. शिव पुराण के विद्येश्वर संहिता में शिवभक्तों के लिए कहा गया है कि जो लोग शिव की उपासना करते हैं वे धन्य हैं.
जिनके मुख से शिव नाम का जाप होता है पाप उनका स्पर्श तक नहीं कर पाते. पतित पावनी गंगा के जल से भरी पवित्र कलश के साथ भक्त कांवर यात्र करते हैं तब यह समय पूर्ण रूप से वैराग्य का होता है.