संवाददाता, दुमकादुमका जिला में हाइकोर्ट की बेंच के लिए वन विभाग की जमीन काफी पहले ही चिह्नित की जा चुकी है. इस जमीन के लिए मुआवजे के तौर पर लगभग 70 लाख रुपये का भुगतान वन विभाग को किया जा चुका है. पांच साल पहले तो हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व लॉ सेकरेट्री ने यहां पहुंच कर हाइकोर्ट बेंच के लिए प्रस्तावित जमीन के साथ-साथ तत्कालिक तौर पर सर्किट कोर्ट के लिए तब विभिन्न भवनों का मुआयना किया था. राज्य बनने के बाद से उठती रही थी मांगझारखंड राज्य बनने के साथ ही दुमका में बिहार रिआर्गेनाइजेशन बिल की धारा 25 (2) के तहत रांची उच्च न्यायालय के खंडपीठ की स्थापना की मांग उठती रही थी. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों का मुद्दा भी बनता रहा था, लेकिन 14 साल गुजर जाने के बाद भी यह मांग पूरी नहीं हो सकी थी. दुमका के विकास का खुलेगा नया रास्तादुमका बाजार की पूरी अर्थव्यवस्था को इसका लाभ मिलेगा और दुमका के विकास का नया रास्ता खुलेगा. हर दिन लाखों रुपये की आमद दुमका बाजार को विभिन्न रूपों में होगी. हाइकोर्ट के बेंच दुमका में बनने का लाभ केवल यहां के अधिवक्ताओं को ही नहीं होगा, बल्कि यहां के सभी वर्ग के लोग उससे सीधे तौर पर आर्थिक रूप से लाभान्वित होंगे.
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पेज-3//वर्षों पहले अधिग्रहित हो चुकी थी हाइकोर्ट बेंच की जमीन
संवाददाता, दुमकादुमका जिला में हाइकोर्ट की बेंच के लिए वन विभाग की जमीन काफी पहले ही चिह्नित की जा चुकी है. इस जमीन के लिए मुआवजे के तौर पर लगभग 70 लाख रुपये का भुगतान वन विभाग को किया जा चुका है. पांच साल पहले तो हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व लॉ सेकरेट्री ने यहां […]
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