दुमका : दुमका में विभिन्न नक्सली घटनाओं में अब तक एक आइपीएस और दो एसआइ सहित 13 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. संताल परगना में पहली बार एसपी रैंक के अधिकारी नक्सली घटना के शिकार हुए हैं.
दुमका में पहली बड़ी नक्सली घटना 26 अप्रैल 2008 को शिकारीपाड़ा के पोखरिया में हुई थी, जिसमें शिकारीपाड़ा के थाना प्रभारी शमशाद अंसारी सहित तीन जवान शहीद हो गये थे. वहीं 23 अप्रैल 2009 को लोकसभा चुनाव करा कर लौट रही पोलिंग पार्टी पर भाकपा माओवादियों के दस्ते ने हमला बोल कर एक चौकीदार की हत्या कर दी थी, जबकि एक पुलिस जवान को घायल कर उसका इंसास लूट लिया था.
8 दिसंबर 2009 को विधानसभा चुनाव के दौरान शिकारीपाड़ा के चायपानी गांव के निकट नक्सलियों ने दो बीएसएफ जवानों को उस वक्त हमला कर मार डाला था, जब वे सड़क पर गश्ती कर रहे थे.