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बंगाल पुलिस ने मसानजोर पहुंच झारखंड सरकार का लोगो उखाड़ा
रानीश्वर(दुमका) : पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे झारखंड में मयुराक्षी नदी पर बने मसानजोर डैम को लेकर दोनों राज्यों में विवाद गहराता जा रहा है. पश्चिम बंगाल की पुलिस ने शनिवार की शाम मसानजोर पहुंचकर दुमका-सिउड़ी मार्ग पर यूथ हॉस्टल के पास लगवाये गये गेट पर भाजपाइयों द्वारा चिपकाये गये झारखंड सरकार के लोगो […]
रानीश्वर(दुमका) : पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे झारखंड में मयुराक्षी नदी पर बने मसानजोर डैम को लेकर दोनों राज्यों में विवाद गहराता जा रहा है.
पश्चिम बंगाल की पुलिस ने शनिवार की शाम मसानजोर पहुंचकर दुमका-सिउड़ी मार्ग पर यूथ हॉस्टल के पास लगवाये गये गेट पर भाजपाइयों द्वारा चिपकाये गये झारखंड सरकार के लोगो (प्रतीक चिन्ह) को उखाड़ फेंका है. दुमका से सिउड़ी की ओर जा रहे एक कंटेनर को बंगाल पुलिस ने रुकवा कर उसके ऊपर चढ़ कर झारखंड सरकार का लोगो उखाड़ दिया. स्थानीय एक युवक ने जब इसका विरोध किया तो पश्चिम बंगाल पुलिस वहां से खिसक गयी
दो दिन पहले भाजपा जिलाध्यक्ष निवास मंडल के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने झारखंड की सड़क पर गलत ढंग से बोर्ड लगाने का आरोप लगाते हुए जहां पश्चिम बंगाल सरकार का लोगो बना हुआ था, उसकी जगह पर झारखंड सरकार का लोगो चिपका दिया था, जबकि वेलकम टू मसानजोर डैम … के नीचे लिखे पश्चिम बंगाल सरकार के ऊपर झारखंड सरकार लिखा हुआ स्टीकर चिपका दिया था. मामले की जानकारी होने पर बीरभूम जिले से बड़ी संख्या में पुलिस बल मसानजोर पहुंची और मसानजोर थाना व यूथ हॉस्टल के पास बंगाल सरकार के सिंचाई विभाग की ओर से बनाये गये गेट पर बंगाल सरकार का लोगो के ऊपर भाजपाइयों द्वारा चिपकाये गये स्टीकर को उखाड़ फेंका.
वहीं उक्त शख्स के विरोध की वजह से मसानजोर थाना के पास गेट पर बंगाल सरकार के लोगो के उपर चिपकाये गये झारखंड सरकार का लोगो बंगाल पुलिस नहीं उखाड़ सकी. बंगाल पुलिस द्वारा झारखंड सरकार के लोगो के उखाड़ देने से स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है.
डैम की जमीन झारखंड की, प्रबंधन है बंगाल के हाथ में
मसानजोर डैम दुमका सदर प्रखंड की जमीन पर बना हुआ है, जबकि उसका प्रबंधन पश्चिम बंगाल सरकार के पास है. वहां से उत्पादित होनेवाली पनबिजली का लाभ भी पश्चिम बंगाल सरकार को ही मिलता है. यह डैम 1950-51 में जब बना था, तब दुमका के कई परिवार विस्थापित हुए थे. 144 मौजा विस्थापित हुआ था. मसानजोर डैम के प्रबंधन को झारखंड को दिलाने की मांग कई नेता उठाते रहे हैं.
पानी रोकने की बात भी कही जाती रही है. भाजपा जिलाध्यक्ष निवास मंडल ने कहा है कि करार दोनों राज्यों में डैम का है, लेकिन सड़क पर बंगाल का प्रतीक चिन्ह लगाया जाना कतई तर्कसंगत नहीं था. विस्थापित होने वाले 144 मौजा के लोगों और इलाके के किसानों की आवाज है कि जमीन उनकी, पानी उनका, लेकिन प्रबंधन बंगाल का यह नहीं होना चाहिए. अब पश्चिम बंगाल सरकार का ऐसा कृत्य हम सबों की भावना को भड़काने वाला है. इसे कतई बरदाश्त नहीं किया जायेगा.
उधर, दुमका के डीसी मुकेश कुमार ने कहा: किसी की कोई मांग है, तो उसे प्रशासन के समक्ष रखे. जो भी विधि व्यवस्था का संकट उत्पन्न करेगा, उसपर कार्रवाई की जायेगी. हमने मामले में एसपी से कहा है कि वे संबंधित जिले के पुलिस से संपर्क करें, ताकि विधि व्यवस्था की कोई स्थिति पैदा न हो.
मसानजोर डैम को लेकर दोनों राज्यों की सीमा पर बढ़ता जा रहा तनाव
क्या है पूरा मामला ?
पश्चिम बंगाल सरकार के सिंचाई विभाग द्वारा मसानजोर डैम का अपने थीम पैटर्न पर रंग-रोगन कराया जा रहा था. झारखंड की सड़क पर भी मसानजोर डैम में स्वागत से संबंधित बोर्ड लगा दिये गये थे.
यह विवाद चार दिन पूर्व तूल पकड़ा था. भाजपा कार्यकर्ताओं ने मसानजोर डैम पहुंच उसके रंग-रोगन का काम बंद करा दिया था और यह ऐलान कर दिया था कि वे ममता सरकार के मां, माटी व मानुष पैटर्न वाले रंग से डैम को नहीं रंगने देंगे. भाजपाइयों का कहना था कि डैम का जो रंग पहले से था, उसमें किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं होने देंगे. बंगाल सरकार को उसे रंगवाना है, तो पूर्व से चले आ रहे रंग को ही वह बरकरार रखे. जबकि झारखंड की सड़क पर लगे बोर्ड में बंगाल सरकार के लोगो और वहां की सरकार का नाम दर्शाये जाने पर भाजपाइयों ने कड़ी आपत्ति जतायी थी और उसपर झारखंड का लोगो व झारखंड सरकार चिपका दिया था.
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