डीइओ की कार्यशैली पर उठे सवाल
दुमका : जिला शिक्षा अधीक्षक सतीश चंद्र सिंकू ने एक ऐसे पूर्व शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछ लिया है, जो वर्तमान में बीडीओ हैं. शिक्षा महकमे में श्री सिंकू द्वारा भेजा गया यह स्पष्टीकरण इन दिनों चरचा का विषय बना हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक, श्री सिंकू ने 21 अप्रैल को पूर्वाह्न् 7.33 बजे जामा प्रखंड के कोल्हवा स्थित प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था. इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय बंद पाया था.
इसके बाद उन्होंने विद्यालय के दो शिक्षकों तथा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से स्पष्टीकरण व कारणपृच्छा किया था. जिन दो शिक्षकों से जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगा है, उनमें से एक शिक्षक कैलाश भंडारी दो साल पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि दूसरे शिक्षक अनिल कुमार यादव आठ साल पहले वर्ष 2006 में झारखंड प्रशासनिक सेवा में चयनित होकर जा चुके हैं.
श्री यादव फिलवक्त अमड़ापाड़ा के प्रखंड विकास पदाधिकारी के रुप में पदस्थापित हैं. निरीक्षण प्रतिवेदन में श्री सिंकू ने इन दोनों पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से सांठ-गांठ रखने तथा यदा-कदा ही विद्यालय आने की बात कही है. इतना ही नहीं ‘अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित पाये जाने के आरोप में ’ श्री भंडारी एवं श्री यादव को विभागीय कार्यवाही के अधीन करते हुए निरीक्षण तिथि के वेतन निकासी पर रोक लगा दी तथा अलग से आरोप पत्र ‘प्रपत्र-क’ भी निर्गत करने की भी बात कही गयी है.
डीइओ को याद नहीं !
जब प्रभात खबर ने डीइओ से उक्त विद्यालय के निरीक्षण मामले में बात की, तो उन्हें याद नहीं था. बताने पर पहले तो कहा कि उपस्थिति पंजी में जिस शिक्षक का नाम होगा, उन्हीं से स्पष्टीकरण पूछा गया है. जब यह जानकारी दी गयी कि निरीक्षण के दिन विद्यालय बंद था, तब उनका जवाब था कि ग्रामीणों ने जिन शिक्षकों का नाम बताया, उन्हीं के शिकायत अनुरूप यह कार्रवाई की गयी.