उपेक्षा . 90,550 रुपये सरकारी डाक के बावजूद भी नहीं हुई सफाई
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नुनबिल गरम कुंड सुविधा से वंचित
उपेक्षा . 90,550 रुपये सरकारी डाक के बावजूद भी नहीं हुई सफाई मसलिया : प्रखंड मुख्यालय से मात्र 10 किमी की दूरी पर अवस्थित दलाही गांव के नुनबिल नदी के तट पर मकर संक्राति पर्व के उपलक्ष्य में लगने वाली आठ दिवसीय सुप्रसिद्ध नुनबिल मेला व गरम कुंड की साफ-सफाई नहीं हो पायी है़ दूर-दराज […]
मसलिया : प्रखंड मुख्यालय से मात्र 10 किमी की दूरी पर अवस्थित दलाही गांव के नुनबिल नदी के तट पर मकर संक्राति पर्व के उपलक्ष्य में लगने वाली आठ दिवसीय सुप्रसिद्ध नुनबिल मेला व गरम कुंड की साफ-सफाई नहीं हो पायी है़ दूर-दराज से आये श्राद्धालुओं ने बताया कि दलाही नुनबिल मेला के नाम पर सरकार ने हरेक साल सरकारी डाक लगाकर लाखों रुपये की राजस्व वसूली करने के बावजूद भी गरम कुंड तथा मेला परिसर का साफ-सफाई नहीं किया गया है़ वहीं इस मेले के नाम पर इस साल सरकारी डाक पर 90,550 रुपये में कालू राय ने लिया है़
इधर दलाही नुनबिल वेदी को सरकार तो दूर किसी भी स्तर से आज तक मंदिर बनाने के लिए पहल तक नहीं की गयी है. दलाही पंचायत भवन होते हुये नुनबिल मेला जाने वाली सड़क पर जोड़िया की गार्डवाल ध्वस्त हो जाने के कारण राहगीरों को मेला देखने के लिए आने-जाने के क्रम में किसी समय दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है़ मसलिया प्रखंड के सुप्रसिद्ध नुनबिल मेला होने के बाद भी सरकार द्वारा गरम कुंड में महिलाओं के लिए अलग से स्नानागार की व्यवस्था नहीं हुई है. वहीं दूसरी ओर मेला परिसर पर लोगों को स्वच्छ पानी पीने के लिए चापाकल तक नहीं है. नुनबिल मेला करने आये दुकानदारों ने नदी का बहता हुआ पानी को टीना में लाकर लोगों को पिलाते है़ं दलाही बस स्टेंड चौक से नुनबिल मेला तक जाने के लिए सरकार द्वारा बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. कुल मिला कर दलाही नुनबिल मेला आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है़ं जिसके चलते यहां के लोगों ने स्थानीय विधायक सह समाज कल्याण मंत्री डॉ लोईस मरांडी तथा जिला प्रशासन से दलाही गरम कुंड को एक पर्यटक स्थल के रूप में घोषित करने की मांग की है़
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