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कहीं अधूरा तो कहीं टूट रहा शौचालय

अनियमितता स्वच्छ भारत के सपने को लग गया ग्रहण, सरकारी राशि का हो रहा जमकर दुरुपयोग, देखने वाला कोई नहीं पूरे देश में स्वच्छता मिशन को शौचालय बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है. मगर ये योजना धरातल पर दम तोड़ रही है. ग्रामीण इलाकों में बने शौचालयों के हाल बदतर स्थिति में है. […]

अनियमितता स्वच्छ भारत के सपने को लग गया ग्रहण, सरकारी राशि का हो रहा जमकर दुरुपयोग, देखने वाला कोई नहीं

पूरे देश में स्वच्छता मिशन को शौचालय बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है. मगर ये योजना धरातल पर दम तोड़ रही है. ग्रामीण इलाकों में बने शौचालयों के हाल बदतर स्थिति में है. जिसे देखने वाला कोई नहीं है..
दुमका : पूरे देश में स्वच्छ भारत का सपना देखा जा रहा है. इसी के तहत शौचालय निर्माण का कार्य भी युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. ताकि पूरा देश खुले में शौचमुक्त हो सके. इसके तहत सरकार द्वारा गरीबों के लिये 12000 रुपये की राशि से शौचालय भी बनवाया जा रहा है. दुमका जिला भी स्वच्छ भारत मिशन में अपनी भागीदारी निभाने के लिये युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. जिले के कई पंचायतों में तो प्रत्येक परिवार के लिये शौचालय बनवाकर पंचायत को ओडीएफ करने की भी तैयारी की जा रही है.
पर जब इसकी जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया गया तो शौचालय के निर्माण व उपयोगिता को देखकर खुले में शौचमुक्त के सपने पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
तीन सालों में भी नहीं पूरा हुआ शौचालय निर्माण
यूं तो शौचालय निर्माण का कार्य तीन साल पूर्व ही शुरू कर दिया गया था. इसी के तहत सदर प्रखंड में भी शौचालय निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था. निर्माण कार्य शुरू होने के बाद गांव के लोगों में खुशी थी की अब खुले में शौच को नहीं जाना पड़ेगा. पर यहां भी अनियमितता और लापरवाही दोनों देखने को मिला. सदर प्रखंड के सरकारी बांध में तीन साल से शौचालय अधूरा पड़ा हुआ है. निर्माण स्थल पर पेड़ उग गया है पर प्रखंड जल एवं स्वच्छता समिति बेखबर हैं. जानकारों की माने तो तीन साल पूर्व जिन लोगों को शौचालय मिला था. वैसे लाभुकों को सरकार द्वारा नये शौचालय का लाभ नहींं मिल पायेगा तथा उनके द्वारा शौचालय को पूर्ण कराना संभव नही है. ऐसे में विभाग की लापरवाही के कारण कई लोग शौचालय से वंचित हो जायेंगे तथा उन्हें मजबूरन खुले में शौच को जाना पड़ेगा.
बनने के साथ ही टूटने लगा शौचालय भवन
जिले के मसलिया प्रखंड में भी पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा जल सहिया के माध्यम से शौचालय का निर्माण कार्य किया जा रहा है. परंतु प्रखंड अंर्तगत गांव का भ्रमण करने पर निर्माण कार्य का पोल खुलते देर नहीं लगेगा. शौचालय बनने के साथ ही कही दरवाजे उखड़े हुए मिलेंगे तो कही पैन टूटा हुआ. यहां के लाभुकों की माने तो शौचालय निर्माण में काफी अनियमितता बरती गयी है. घटिया निर्माण कार्य को लेकर अधिकारियों को भी शिकायत की गयी थी. पर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. जिस कारण लोग आज भी खुले में शौच को मजबूर हैं. ऐसे में जिले को ओडीफ घोषित कर पाना मिल का पत्थर साबित होगा.
बोले जनप्रतिनिधि
खुले में शौचमुक्त का सपना पूरा हो पाना संभव नहीं दिख रहा है. कई शौचालय आज भी अधूरे पड़े हैं. नये शौचलयों की भी स्थिति ठीक नहीं है. नये शौचलयों के दरवाजे व पैन अभी से ही टूटने लगे हैं.
– मो हैदर, उप प्रमुख, दुमका
बोले उपप्रमुख
क्षेत्र में शौचालय निर्माण में अनियमितता बरता गया हैं. जिस कारण कार्य में गुणवत्ता का खयाल नहीं रखा गया. सरकारी राशि का दुरुपयोग हुआ है. संबंधित लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिये.
– कादिर रज़ा, उपप्रमुख मसलिया

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